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वायनाड में क्यों बरसी 70 लोगों पर मौत, भारी बारिश के अलावा भूस्खलन की एक और वजह

केरल के वायनाड में भारी बारिश के चलते मंगलवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। तीन जगहों पर भूस्खलन के चलते अब तक 70 लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा करीब 100 लोग घायल हैं, जिन्हें निकाल लिया गया है।

वायनाड में क्यों बरसी 70 लोगों पर मौत, भारी बारिश के अलावा भूस्खलन की एक और वजह
Surya Prakash जयश्री नंदी, हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीTue, 30 July 2024 08:29 AM
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केरल के वायनाड में भारी बारिश के चलते मंगलवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। तीन जगहों पर भूस्खलन के चलते अब तक 70 लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा करीब 100 लोग घायल हैं, जिन्हें निकाला गया है। इन भूस्खलनों की वजह बीते 2-3 दिनों से जारी भारी बारिश है। इतनी भारी मात्रा में अचानक हुई बारिश से मिट्टी कटती चली गई और फिर इतना बड़ा हादसा ढाई बजे रात को हुआ, जिसका किसी को अंदाजा नहीं था। अब इस हादसे के कारणों का एक्सपर्ट पता लगा रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायनाड के जिस मेप्पादी इलाके में लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं, वहां बड़े पैमाने पर मिट्टी का क्षरण बीते कुछ सालों में हुआ है।

इसके चलते यह हादसा हुआ है और अचानक मिट्टी खिसक गई। दरअसल बीते कुछ सालों में इस इलाके से पेड़ों को बड़े पैमाने पर काटा गया है। इस वन क्षेत्र में बड़े वृक्षों को काटकर फसलें उगाने की कोशिशें हुई हैं। इसके चलते मिट्टी का क्षरण तेजी से हुआ है और लैंडस्लाइड जैसी घटना हो गई। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भले ही कई दिनों से चल रही भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ है, लेकिन ऐसे हादसों की भूमिका लंबे समय में हुए मिट्टी के क्षरण से ही तैयार हुई थी। 

मौसम वैज्ञानिक और भूगर्भ विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन ने कहा, 'बीते दो से तीन दिनों से मध्य और उत्तर केरल में बारिश हो रही है। लेकिन इस बारिश से ही ऐसा नहीं हुआ है। लगातार चल रहीी बारिश से मिट्टी ढीली हो गई थी। जब मिट्टी में नमी हद से ज्यादा होती है और नीचे तक ऐसी स्थिति बन जाती है तो उसके दरकने की आशंका बढ़ जाती है।' उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक बात यह भी सही है कि इंसानों के दखल ने भी ऐसी आपदा को बढ़ा दिया है। राजीवन ने कहा, 'इन इलाकों में वन क्षेत्र बहुत अधिक था। लेकिन अब यहां फसलें लगाई जा रही हैं, जिन्हें लोग आर्थिक लिहाज से बेहतर मानते हैं।'

उन्होंने कहा कि यहां से बड़े पैमाने पर वृक्षों को काटा गया है। यहां के स्थानीय प्रजाति के ये वृक्ष मिट्टी के क्षरण को रोकते थे, लेकिन अब धरती पर उनके न रहने से मिट्टी का कटाव तेज हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है। वहीं एक अन्य मौसम वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कॉल ने कहा कि वायनाड के भूस्खलन के कारण तत्काल गिनाना मुश्किल है, लेकिन अब तक जो हमें पता चला है उसकी एक वजह चंद पलों में ही भारी बारिश होना है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड बढ़ा है, जब अचानक बहुत ज्यादा बारिश हो रही है।

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