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विशाखापट्टनम गैस कांड: 60 प्रतिशत से अधिक स्टाइरीन गैस के रिसाव को बंद किया गया

आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम के निकट बृहस्पतिवार को एलजी पॉलिमर्स में स्टाइरीन गैस के, 60 प्रतिशत से अधिक रिसाव को अब तक बंद कर दिया गया है और संयंत्र में सभी रासायनिक टैंक सुरक्षित हैं। जिलाधिकारी...

विशाखापट्टनम गैस कांड: 60 प्रतिशत से अधिक स्टाइरीन गैस के रिसाव को बंद किया गया
Ashutoshएजेंसी,अमरावतीSat, 09 May 2020 05:23 AM
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आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम के निकट बृहस्पतिवार को एलजी पॉलिमर्स में स्टाइरीन गैस के, 60 प्रतिशत से अधिक रिसाव को अब तक बंद कर दिया गया है और संयंत्र में सभी रासायनिक टैंक सुरक्षित हैं। जिलाधिकारी वी विनय चंद ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बृहस्पतिवार को तड़के हुई इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई।

आरआर वेंकटपुरम में स्थित एलजी पॉलिमर्स संयंत्र से स्टाइरीन गैस के रिसाव के एक दिन बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि क्षेत्र में स्थिति अब सुरक्षित है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि क्षेत्र में विशेषज्ञ गैस रिसाव के प्रभाव को निष्क्रिय करने में लगे हुए हैं। कंपनी ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि संयंत्र में स्थिति अब नियंत्रण में है और स्टाइरीन गैस का और रिसाव नहीं हुआ है।

बयान में कहा गया है कि तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को एक वीडियो कांफ्रेंस के दौरान सौंपी एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि बाकी बचे स्टाइरीन वाष्प को पोलिमर में बदलने और उसे सुरक्षित बनाने में 18-24 घंटे का समय लग सकता है। स्टाइरीन सामान्य तौर पर तरल रूप में रहता है। उसके भंडारण का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने पर वह अपने वास्तविक तरल रूप में रहता है और सुरक्षित हो जाता है। बृहस्पतिवार को संयंत्र के दो टैंकों में रखी स्टाइरीन टैंकों से जुड़ी प्रशीतन प्रणाली में तकनीकी खराबी आने के कारण उसमें गैस बनी और फिर उसका रिसाव हुआ।

फैक्टरीज विभाग की ओर से प्राप्त प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से जिलाधिकारी ने कल कहा था, स्टाइरीन सामान्य तौर पर तरल रूप में रहता है और उसके भंडारण का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने पर वह सुरक्षित रहता है। लेकिन प्रशीतन (रेफ्रीजेरेशन) इकाई में गड़बड़ी के कारण यह रसायन गैस में बदल गया। जिलाधिकारी ने कहा, हमने रिसाव को पूरी तरह से रोकने के लिए सभी कदम उठाये हैं और विशेषज्ञ स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।

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सूत्रों ने बताया कि बच्चों समेत 400 से अधिक लोगों का यहां विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनकी हालत अब ठीक हो रही हैं। उपमुख्यमंत्री ए के के श्रीनिवास ने पत्रकारों से कहा कि 52 बच्चों समेत 305 लोगों का केजीएच में इलाज चल रहा है और अन्य 121 लोगों का निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, सभी की हालत खतरे से बाहर है। कोई भी व्यक्ति वेंटिलेटर पर नहीं है। वृहद विशाखापत्तनम नगर निगम ने शहर में 17 राहत शिविर बनाये है। संयंत्र के आसपास स्थित पांच गांवों से लगभग 15,000 लोगों को निकाला गया है। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा, हमने राहत केन्द्रों में चिकित्सा शिविर खोले हैं और आवश्यक होने पर लोग इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। उद्योग मंत्री गौतम रेड्डी ने कहा कि स्टाइरीन गैस के प्रभाव को रोकने के लिए विशेषज्ञ पूरे प्रयास कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में 48 घंटे लग सकते हैं। मंत्री ने कहा, संयंत्र में नियमित संचालन शुरू नहीं हुआ है और यह केवल नियमित रखरखाव के तहत है। उन्होंने कहा कि रिसाव के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जायेगी।

मुख्य सचिव साहनी ने गैस रिसाव की इस घटना के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच दल गठित करने का आदेश जारी किया। जांच दल इसी प्रकार के संयंत्रों की औद्योगिक सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल में सुधार के उपाय सुझाएगा। विशेष मुख्य सचिव (पर्यावरण एवं वन) नीरभ कुमार प्रसाद इसके अध्यक्ष होंगे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव विवेक यादव सदस्य-संयोजक होंगे। 

विशेष सीएस (उद्योग), विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी और शहर पुलिस आयुक्त अन्य सदस्य होंगे। मुख्य सचिव ने कहा, यह समिति रिसाव के कारणों की जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि कंपनी ने सभी सुरक्षा नियमों का पूरी तरह से पालन किया है या नहीं। समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

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