विसनगर दंगा केसः हार्दिक पटेल और उनके साथियों को दो साल की कैद
गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों को 2015 के विसनगर दंगा और आगजनी मामले में आज दो साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि बाद में हार्दिक और उनके दो...
गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों को 2015 के विसनगर दंगा और आगजनी मामले में आज दो साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि बाद में हार्दिक और उनके दो सहयोगियों लालजी पटेल और ए के पटेल को इसी अदालत ने जमानत दे दी।
इस सजा से 25 वर्षीय हार्दिक की चुनाव लड़ने की तमन्ना पर ग्रहण लग गया है। अगर ऊपरी अदालतें उनकी सजा पर रोक लगा देती हैं या उसे पलट देती हैं उसी स्थिति में वह चुनाव लड़ सकते हैं। अदालत ने हार्दिक और उनके सहयोगियों को 27 अगस्त से पहले उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिये जमानत दी।
अगर उस अवधि के भीतर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें सजा पर तामील करने के लिये विसनगर अदालत के समक्ष खुद को प्रस्तुत करना होगा। विसनगर सत्र अदालत के न्यायाधीश वी पी अग्रवाल ने हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों लालजी पटेल और ए के पटेल को दंगा भड़काने, आगजनी करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के अपराध के लिये भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने दो साल की कैद के साथ ही तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिसे उन्होंने आज ही अदालत में जमा करा दिया। मामले में अन्य 14 आरोपियों को सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया। दोषियों से मिलने वाली जुर्माने की डेढ़ लाख रूपए की राशि में से अदालत ने 10,000 टीवी चैनल रिपोर्टर सुरेश वनोल को देने का आदेश दिया है। वनोल पर हिंसा के दौरान हमला किया गया था। इसी तरह, अदालत ने एक लाख रुपए उस कार के मालिक को देने का आदेश दिया है जिसमें दंगाइयों ने आग लगा दी थी और बाकी 40,000 रुपये स्थानीय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल को दिए जाएंगे, जिनके कार्यालय में तोड़-फोड़ की गई थी।
पटेल समुदाय को आरक्षण देने की मांग के लिए निकाली गई रैली के हिंसक रूप लेने के बाद भीड़ ने संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मीडिया के कुछ लोगों पर भी हमला किया था। इस मामले में मेहसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में हार्दिक भी एक आरोपी थे।