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अयोध्या के विवादित स्थल पर 27 अक्टूबर को दीपोत्सव के लिए अब अदालत जाएगा VHP, यूपी सरकार ने नहीं दी मंजूरी

अयोध्या के विवादित रामजन्मभूमि स्थल पर आगामी 27 अक्तूबर को दीपोत्सव की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में संत समाज अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा। आपको बता दें कि अयोध्या के विवादित परिसर में...

 अयोध्या के विवादित स्थल पर 27 अक्टूबर को दीपोत्सव के लिए अब अदालत जाएगा VHP, यूपी सरकार ने नहीं दी मंजूरी
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 14 Oct 2019 03:17 PM
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अयोध्या के विवादित रामजन्मभूमि स्थल पर आगामी 27 अक्तूबर को दीपोत्सव की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में संत समाज अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा। आपको बता दें कि अयोध्या के विवादित परिसर में दीवाली के समय दीपोत्सव की मंजूरी जिला प्रशासन ने नहीं दी थी। 

विश्व हिन्दू परिषद ने दीपावली के दिन विवादित स्थल में दीपोत्सव की अनुमति मांगी थी जिसे जिला प्रशासन ने देने से मना कर दिया। अयोध्या के मंडलायुक्त और रामजन्मभूमि के रिसीवर मनोंज मिश्र ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार परम्परागत कार्यक्रम के अलावा किसी अन्य आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। 

अनुमति के लिये संत समाज और साधुओं ने सोमवार को मंडलायुक्त से भी मुलाकात की थी और अनुमति नहीं देने पर अपना रोष भी जताया था। संतों के प्रतिनिधिमंडल में मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, संत समिति के अध्यक्ष कन्हैया दास और विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा थे । 

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अयोध्या के मंडलायुक्त और रामजन्मभूमि परिसर के रिसीवर मनोज मिश्र ने सोमवार को कहा कि विवादित परिसर में किसी भी तरह के कार्यक्रम की मंजूरी नहीं दी जा सकती इसलिये विहिप के दीपोत्सव के कार्यक्रम का नामंजूर कर दिया गया है। विहिप ने अयोध्या के विवादित जमीन का जल्द फैसला आने के मद्देनजर विवादित परिसर में दीपोत्सव मनाने की मंजूरी मांगी थी। 

शरद शर्मा ने कहा कि लंका विजय के बाद राम के अयोध्या लौटने पर ही पूरे भारत में दीवाली मनाई जाती रही है। राम के जन्मस्थल पर ही इसका आयोजन नहीं होना दुभार्ग्यपूर्ण है। इसीलिये संत समाज ने इसके लिये सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। विहिप के दीपोत्सव की अनुमित मांगने को देखते हुये मुसलमानों ने भी नवाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी। 

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