BJP से नाराज, राहुल जैसे बयान; आखिर 24 में क्या होगी वरुण गांधी की पॉलिटिक्स?
वरुण के लगातार बयानों ने बीजेपी को कई मौकों पर असहज किया है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक पार्टी ने वरुण के खिलाफ कोई ऐक्शन भी नहीं लिया। सूत्रों की मानें तो वरुण पर ऐक्शन लेने से पार्टी अभी बचेगी।
Varun Gandhi Viral Video: यूपी के पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी काफी समय से अपनी ही बीजेपी सरकार से नाराज हैं। किसान आंदोलन के समय खुलकर अन्नदाताओं के पक्ष में बोलने वाले वरुण गांधी का हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे सरकार के खिलाफ और तीखे बयान देते हुए नजर आ रहे हैं। वरुण गांधी के हालिया बयानों के बाद सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि क्या बीजेपी उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी या नहीं? वरुण के वायरल हो रहे लेटेस्ट वीडियो की बात करें तो उसमें वे ठीक उसी तरह बोल रहे हैं, जैसे राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में लाल किले से दी गई स्पीच के दौरान बोला था। वरुण गांधी कहते हैं, ''न मैं कांग्रेस के खिलाफ हूं और न ही पंडित नेहरू के खिलाफ। हमारे देश की राजनीति देश को जोड़ने की होनी चाहिए, न कि गृहयुद्ध पैदा करने की राजनीति। हमें वो राजनीति नहीं करनी है जो लोगों को दबाए, बल्कि ऐसी राजनीति करनी है जो लोगों को उठाए।''
राहुल गांधी के 'हिंदू-मुस्लिम' की ही तरह वरुण ने भी दिया बयान
वीडियो में वरुण गांधी ने आगे कहा, ''टीवी और अखबार केवल हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम और जाति-पाति ही कर रहे हैं। भाई को बांटो और भाई को काटो। यह राजनीति हम होने नहीं देंगे।'' इससे पहले राहुल गांधी भी लाल किले से मीडिया पर दिनभर हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम करने का आरोप लगा चुके हैं। वरुण के इस वीडियो समेत हाल के समय में दिए गए बयानों पर राजनीतिक एक्सपर्ट इसे बीजेपी को दिए गए मैसेज की तरह देखते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वरुण गांधी लंबे समय से केंद्र सरकार से नाराज चल रहे हैं और हो सकता हो कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह किसी और भी दल में शामिल हो सकते हैं।
यूपी चुनाव में भी लगी थीं अटकलें
इसी साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वरुण गांधी सपा और आरएलडी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, यह अटकलें सच साबित नहीं हुई, लेकिन वरुण का हमला बोलना जारी रहा। वे किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना, बेरोजगारी, लखीमपुर खीरी कांड आदि को लेकर खुलकर बोलते रहे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया कि वे लाभ-हानि के लिए राजनीति नहीं करते हैं और बोलने से उन्हें कौन रोकेगा। इस बयान के बाद भी साफ हो गया कि वरुण गांधी सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने से रुकने वाले नहीं हैं और आने वाले समय में बीजेपी के लिए और मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
बीजेपी क्यों नहीं ले रही कोई ऐक्शन?
वरुण के लगातार बयानों ने बीजेपी को कई मौकों पर असहज किया है, लेकिन इसके बावजूद भी अब तक पार्टी ने वरुण के खिलाफ कोई ऐक्शन भी नहीं लिया। सूत्रों की मानें तो वरुण पर साल 2024 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बचेगी और फिर टिकट वितरण के समय कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई नेता पहले भी बीजेपी में रहते हुए पार्टी की नीतियों को निशाने पर लेते रहे। इस दौरान पार्टी ने उनके खिलाफ कोई भी बड़ा ऐक्शन नहीं लिया। एक समय तो ऐसा रहा कि यशवंत सिन्हा जहां बीजेपी के खिलाफ बोलते थे, तो वहीं उनके बेटे जयंत को मोदी सरकार ने मंत्री बनाया था। बीजेपी ने बागी बोल बोलने वाले नेताओं के खिलाफ ऐक्शन तो नहीं लिया, लेकिन उन्हें साइडलाइन जरूर कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ सालों तक पार्टी में रहकर बोलने के बाद इन नेताओं ने बीजेपी से खुद ही इस्तीफा दे दिया। इसी तरह मेघालय समेत कई राज्यों के गवर्नर रहे सत्यपाल मलिक के साथ भी हुआ। जब किसान आंदोलन के बाद से मलिक ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलने शुरू किया तो पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बाद में राज्यपाल पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें कोई और जिम्मेदारी नहीं दी गई। इन सबको देखते हुए माना जा रहा है कि वरुण गांधी पर भी कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा और 24 के चुनाव में उन्हें साइडलाइन किया जा सकता है। इसके चलते वे खुद ही बड़ा फैसला ले सकते हैं।
आखिर अपनी ही सरकार से नाराज क्यों हैं वरुण?
पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के बयानों से साफ नजर आता है कि वे अपनी ही सरकार से नाराज हैं। वरुण की इस नाराजगी के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। इसी में एक कारण साल 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव भी है। इस चुनाव में सपा को पराजित करते हुए बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। यूपी की पॉलिटिक्स में वरुण गांधी काफी चर्चित चेहरा रहे हैं और बीजेपी के प्रदेश में शीर्ष नेताओं में गिने जाते रहे। विधानसभा चुनाव से पहले उनके पक्ष में प्रयागराज समेत कई जगह पोस्टर भी लगाए गए, जहां लिखा गया, 'यूपी की यही पुकार, वरुण गांधी अब की बार।' लेकिन बहुमत प्राप्त करने के बाद जब मुख्यमंत्री चुनने की बारी आई तो पार्टी ने फायरब्रांड नेता और गोरखपुर से तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को चुना। माना जाता है कि अपनी ही सरकार में वरुण लगातार साइडलाइन होते गए और इसी दौरान उन्होंने सरकार की योजनाओं के खिलाफ जमकर बयानबाजी भी शुरू कर दी। इसके अलावा, लोकप्रिय सांसद होने के बाद भी वरुण गांधी को न तो एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में और न ही दूसरे कार्यकाल में मंत्री पद दिया गया। हालांकि, यह जरूर है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वरुण की मां मेनका गांधी को जरूर मंत्री बनाया गया, लेकिन दूसरे कार्यकाल में मेनका के हाथों से मंत्री पद भी चला गया। इस समय वरुण गांधी पीलीभीत तो उनकी मां मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं।
24 में क्या होगी वरुण की पॉलिटिक्स? उनके पास क्या हैं ऑप्शन?
2024 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ डेढ़ साल का ही समय बचा है। विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार तीखे वार कर रहा है। वहीं, वरुण गांधी भी अपनी ही पार्टी पर हमलावर हैं। ऐसे में अटकलें लग रही हैं कि 2024 में क्या वरुण गांधी किसी और दल से चुनाव लड़ेंगे या बीजेपी में ही रहेंगे। बयानबाजी करते रहने वाले वरुण गांधी ने इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी है, लेकिन उनके पास ऑप्शन की कमी नहीं है। वरुण के पास समाजवादी पार्टी, आरएलडी, बसपा, कांग्रेस जैसे तमाम दलों के विकल्प खुले हुए हैं। हालांकि, सपा और आरएलडी को लेकर अटकलें लगती रही हैं, लेकिन गांधी परिवार से आने की वजह से माना जा रहा है कि वरुण कांग्रेस में भी जा सकते हैं। वैसे भी राहुल गांधी इन दिनों 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे हैं, जिसमें कई बीजेपी नेताओं को भी शामिल होने का न्यौता दिया गया। राहुल भाईचारे, नफरत न करने और प्यार बांटने की बातें भी करते आए हैं। ऐसे में देखना होगा कि वरुण की भविष्य की पॉलिटिक्स क्या रहने वाली है और वे बीजेपी में ही रहेंगे या किसी और दल का दामन थामेंगे।
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