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वंदे भारत में भी होगा स्लीपर कोच, फरवरी-मार्च तक चलेगी तीन तरह की ट्रेनें; जानिए रेलवे का प्लान

वंदे भारत रेलगाड़ियों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ तैयार किया गया है, लेकिन वे पटरी की क्षमता के अनुसार 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलेंगी।

 वंदे भारत में भी होगा स्लीपर कोच, फरवरी-मार्च तक चलेगी तीन तरह की ट्रेनें; जानिए रेलवे का प्लान
Amit Kumarपीटीआई,नई दिल्लीThu, 25 May 2023 08:31 PM
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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि अगले साल फरवरी-मार्च तक वंदे भारत ट्रेनों के तीन वर्जन चलेंगे। उन्होंने कहा कि फरवरी-मार्च 2024 तक वंदे भारत रेलगाड़ियों के तीन वर्जन- वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे शयनयान (स्लीपर) होंगे। उन्होंने कहा कि शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेन की जगह लेने की तैयारी कर रही ये स्वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ रेलगाड़ियां चेन्नई के कोच निर्माण कारखाने में बनाई जा रही हैं।

वैष्णव ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वंदे भारत रेलगाड़ियों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए अगले तीन से चार साल में रेल पटरियों को उन्नत बनाया जायेगा। उत्तराखंड के देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन तक वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत के बाद वैष्णव ने कहा, ‘‘वंदे भारत के तीन प्रारूप हैं। सौ किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए वंदे मेट्रो, 100-550 किलोमीटर के लिए वंदे चेयर कार और 550 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए वंदे स्लीपर। ये तीनों प्रारूप फरवरी-मार्च (अगले साल) तक तैयार हो जायेंगे।’’

दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाई। उत्तराखंड के लिए इस तरह की पहली रेलगाड़ी राज्य की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी के बीच यात्रा के समय को देहरादून-नई दिल्ली रेलवे स्टेशन शताब्दी एक्सप्रेस में लगने वाले छह घंटे और 10 मिनट से घटाकर साढ़े चार घंटे कर देती है। वैष्णव ने कहा कि जून के मध्य तक हर राज्य को वंदे भारत रेलगाड़ी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इन रेलगाड़ियों के निर्माण में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हर आठवें या नौवें दिन कारखाने से एक नई रेलगाड़ी निकल रही है। दो और कारखानों में काम शुरू होने जा रहा है। इन कारखानों की आपूर्ति श्रृंखला स्थिर होने के बाद हमारे पास एक नई रेलगाड़ी आएगी।’’

वंदे भारत रेलगाड़ियों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के साथ तैयार किया गया है, लेकिन वे पटरी की क्षमता के अनुसार 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी पटरियों को 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच की गति का समर्थन करने के लिए तैयार किया गया था। लगभग 25,000-35,000 किलोमीटर पटरियों को 110 किलोमीटर प्रति घंटे, 130 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के समर्थन के लिए उन्नत किया जा रहा है। यह काम अगले तीन से चार साल में हो जायेगा।’’

मंत्री ने कहा कि रेलवे सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए रेल संपर्क परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेल यात्रियों को 4जी-5जी सेवाएं मुहैया कराने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। वैष्णव ने कहा कि रेलवे द्वारा तेजी से 4जी-5जी टावर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर उन्हें स्थापित किया गया है और यह काम लगातार जारी है।

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