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वैष्णो देवी यात्रियों के लिए खुशखबरी; त्रिकुटा पहाड़ियों की और बढ़ेगी खूबसूरती, क्या है प्लान

श्राइन बोर्ड के सीईओ ने बताया कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल वनीकरण में तेजी लाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देशों के बाद श्राइन बोर्ड ने यह कदम उठाया है।

वैष्णो देवी यात्रियों के लिए खुशखबरी; त्रिकुटा पहाड़ियों की और बढ़ेगी खूबसूरती, क्या है प्लान
Niteesh Kumar रवि कृष्णन खजुरिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीTue, 23 July 2024 10:10 AM
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श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने त्रिकुटा पहाड़ियों पर हरियाली बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यहां टेक्नोलॉजी की मदद से वनीकरण अभियान शुरू किया गया है। मालूम हो कि पवित्र गुफा मंदिर यहीं पर स्थित है, जो दुनिया भर के हिंदुओं के लिए पूजनीय है। श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया, 'बोर्ड ने त्रिकुटा रेंज की पहाड़ियों के लिए ड्रोन बीज तकनीक शुरू की है। यह ऐसा इलाका है जहां मनुष्य वृक्षारोपण के लिए नहीं पहुंच सकते हैं। बोर्ड की ओर से प्राइम यूएवी की मदद ली जा रही है जिसकी क्षमता 10 किलोग्राम बीज ले जाने की है। यह 15 मिनट तक आसमान में मंडरा सकता है जो पहाड़ी इलाकों में बीज गिराएगा। यह प्लान अगले 8 साल के लिए बनाया गया है।

सीईओ ने बताया कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल वनीकरण में तेजी लाने के लिए किया जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देशों के बाद श्राइन बोर्ड ने यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया, 'हमने सबसे पहले खराब हिस्सों की पहचान की जिसके लिए हेलीकॉप्टर की मदद से सर्वे किया गया। इसके बाद टेक्नोलॉजी से ऑपरेट होने वाले विकल्पों पर नजर डाली गई। हमने यह पाया कि गुजरात में बीज फैलाव के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।' इस तरह श्राइन बोर्ड ने खराब ढलानों और दुर्गम जगहों पर बीज फैलाने के लिए कंपनी प्राइम यूएवी की मदद ली गई।

त्रिकुटा पहाड़ियों में 11 हजार हेक्टेयर का वन क्षेत्र
बता दें कि त्रिकुटा पहाड़ियों में 11,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र है। अंशुल गर्ग ने बताया कि हमने 109 हेक्टेयर खराब ढलानों की पहचान की है। पौधे लगाने को लेकर अभियान शुरू कर दिया गया है। इस मॉनसून के दौरान बीज वितरण का काम चालू है। सीईओ ने कहा कि श्राइन बोर्ड ने स्थानीय प्रजातियों, विशेषकर मिट्टी को जकड़ने वाली प्रजातियों के बीजों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि श्राइन बोर्ड हर साल त्रिकुटा पहाड़ियों पर एक लाख पौधे लगाता रहा है। अब ड्रोन तकनीक आने से यह संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। साथ ही, अब ड्रोन के जरिए बीज फैलाव की नियमित निगरानी की जाएगी।

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