उत्तराखंड: हरक सिंह सरकार से नाराज मंत्री पद छोड़ने की धमकी दी
पीसीसीएफ जयराज की विदेश यात्रा से उत्तराखंड में नई सियासत शुरू हो गई है। वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने इस मामले में प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है। पत्र में डॉ.हरक ने साफ लिखा है...
पीसीसीएफ जयराज की विदेश यात्रा से उत्तराखंड में नई सियासत शुरू हो गई है। वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने इस मामले में प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है। पत्र में डॉ.हरक ने साफ लिखा है कि विभागाध्यक्षों की विदेश यात्रा की अनुमति के लिए फाइल सीधे मुख्यमंत्री को भेजकर सूबे में गलत परंपरा शुरू की जा रही है। उन्होंने कड़े शब्दों में लिखा कि कार्मिक विभाग को पीसीसीएफ जयराज के विदेश दौरे की फाइल पहले उनके पास भेजनी चाहिए थी। जहां से वह सीएम के पास जाती, पर कार्मिक ने सीधे तौर पर उनको बाइपास किया। यह रूल ऑफ बिजनेस के खिलाफ है।
वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जंगल धधक रहे हैं और पीसीसीएफ जयराज को बिना उनसे पूछे विदेश यात्रा के लिए अनुमति दे दी गई, यह गलत है। उन्होंने पिछले साल भी पीसीसीएफ की विदेश यात्रा पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा उन्होंने पिछले साल श्रमायुक्त आनंद श्रीवास्तव के भी उनकी अनुमति के बिना विदेश जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने अपने अधीन सभी विभागों के अध्यक्षों की विदेश यात्रा की अनुमति की फाइल उनके पास भेजने की हिदायत दी। बाद में क्यों जुड़वाया पीसीसीएफ का नाम : लंदन की ज्यूलॉजिकल सोसाइटी ने वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के माध्यम से दो अप्रैल को सीसीएफ कुमाऊं डॉ. विवेक पांडे, सीएफ पराग मधुकर धकाते और डीएफओ तराई पूर्व नितीश मणि त्रिपाठी को बाघ पर चल रहे एक प्रोजेक्ट के तहत लंदन और पोलेंड का आने का निमंत्रण दिया था।
पंजाब में कांग्रेस सभी 13 सीटों पर जीत दर्ज करेगी: अमरिंदर सिंह
इसमें पीसीसीएफ जयराज का नाम जुड़वाने के लिए 12 अप्रैल को एपीसीसीएफ डॉ. कपिल जोशी के माध्यम से डब्ल्यूआईआई के निदेशक को पत्र भेजा गया। इसके बाद उनका 14 से 26 मई के इस दौरे के लिए जोड़ा गया। हैरानी की बात है कि बाघ संरक्षण या वाइल्ड लाफ को लेकर उनका कोई तजुर्बा भी नहीं। ऐसे में अगर जाना ही था तो चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन उत्तराखंड को भेजा जाना था। दूसरी हैरानी की बात ये है कि अफसर वहां नधौर में टाइगर संरक्षण को लेकर टिप्स लेने गए हैं, जबकि पीसीसीएफ जयराज पिछले साल नंधौर को टाइगर रिजर्व बनाने का विरोध करते हुए सीएम को पत्र भेज चुके हैं।
हरक बोले-अनदेखी से घबराने वाला नहीं
वन मंत्री डॉ.हरक सिंह का दो साल से दबा दर्द आखिर बुधवार को लावे की तरह फूट पड़ा। उन्होंने साफ कहा कि अगर कहीं मुझे कमजोर करने की साजिश चल रही है तो ये उन लोगों की गलतफहमी है। मुझे कोई नेता या अफसर कमजोर नहीं कर सकता। बकौल हरक-मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है। मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा।
केदारनाथ में बनी गुफा में ध्यान करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ जनता का आशीर्वाद चाहिए। पीसीसीएफ के बिना अनुमति विदेश यात्रा,बिना पूछे आईएफएस के तबादले, बिना जानकारी के एडीएम को आयुर्वेद विवि का कुलसचिव बनाने समेत तमाम बातों से अंदरखाने नाराज हरक सिंह अब खुलकर सामने आ गए हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत में हरक ने कहा कि जो चीजें गलत तरीके से हो रही हैं, उनका वे विरोध करेंगे। हरक ने कहा कि जिसने मुझे कमजोर करने की कोशिश की वह खुद धराशायी हो गया। जब मैंने कांग्रेस की सरकार गिराई थी तो तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने कहा था कि वे मुझे चुनाव नहीं जीतने देंगे, लेकिन मैंने जीतकर दिखाया। इसी तरह आज भी अगर कोई मुझे कमजोर करने की सोचता है तो सोच को मन से निकाल दें।