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भारत-अमेरिकी संबंधों पर किसी का वीटो नहीं, खुद के उल्लंघन के बारे में सोचे चीन; ड्रैगन को करारा जवाब

भारत-चीन गतिरोध को लेकर पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य बलों की वापसी की मांग कर रहे हैं और गतिरोध पूर्व की स्थिति में लौटना चाहते हैं पर शर्तों पर सहमति नहीं है।

भारत-अमेरिकी संबंधों पर किसी का वीटो नहीं, खुद के उल्लंघन के बारे में सोचे चीन; ड्रैगन को करारा जवाब
Ashutosh Rayलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 01 Dec 2022 07:08 PM

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भारत ने अमेरिका के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चीन की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। भारत ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका-भारत के संयुक्त सैन्य अभ्यास का 1993, 1996 के समझौतों से कोई लेना-देना नहीं है। चीन पक्ष को इन समझौतों के अपने खुद के उल्लंघन के बारे में सोचना चाहिए। भारत और अमेरिका की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से मात्र 100 किलोमीटर की दूर उत्तराखंड के औली में युद्ध अभ्यास कर रही हैं। युद्ध अभ्यास को लेकर चीन ने बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई थी।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'औली में अमेरिका के साथ चल रहे इन अभ्यासों का 1993 और 1996 के समझौतों से कोई लेना-देना नहीं है। चीनी पक्ष को इन समझौतों के अपने खुद के उल्लंघन के बारे में सोचने और विचार करने की आवश्यकता है। भारत जिसके साथ चाहे उसके साथ युद्ध अभ्यास कर सकता है और वह इस मुद्दे पर तीसरे देशों को वीटो नहीं देता है।

हम अपने संबंधों में किसी को भी वीटो नहीं करने देंगे

चीन और बीजिंग द्वारा अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ अपने संबंधों में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी पर पेंटागन की एक रिपोर्ट पर पलटवार करते हुए बागची ने कहा, 'अमेरिका के साथ हम अपने संबंधों में किसी को भी वीटो नहीं करने देंगे। बागची ने कहा, भारत-अमेरिका संबंधों पर किसी के पास वीटो नहीं हो सकता है, चीन को अपने उल्लंघनों पर गौर करने की जरूरत है। चीन को अपने स्वयं के उल्लंघनों को देखने की जरूरत है। हम डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन चाहते हैं।

संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की

पेंटागन ने मंगलवार को पेश रिपोर्ट में कहा है कि एलएसी पर भारत के साथ टकराव के बीच चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की है और इस बात पर जोर दिया है कि चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना और भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है।

चीन की सैन्य निर्माण क्षमता पर कांग्रेस को दी गई अपनी हालिया रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा, 'चीनी गणराज्य (PRC) तनाव कम करने की कोशिशों में जुटा है, ताकि भारत अमेरिका के और करीब नहीं जाए। पीआरसी के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।'

पीएलए की ओर से जारी है निर्माण कार्य

पेंटागन ने कहा कि वर्ष 2021 के दौरान पीएलए ने भारत-चीन सीमा के एक खंड पर सैन्य बलों की तैनाती बरकरार रखी और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा। रिपोर्ट में कहा गया है कि गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं।

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