किस गिरोह को पकड़ने के लिए CBI के साथ आया अमेरिका का न्याय विभाग, जानें क्या है पूरा मामला
भारत की जांच एजेंसी सीबीआई और अमेरिका के न्याय विभाग ने अभूतपूर्व तालमेल के साथ साइबर अपराध के जरिये अमेरिका में कथित रूप से सैकड़ों बुजुर्गों को धोखा देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का...
भारत की जांच एजेंसी सीबीआई और अमेरिका के न्याय विभाग ने अभूतपूर्व तालमेल के साथ साइबर अपराध के जरिये अमेरिका में कथित रूप से सैकड़ों बुजुर्गों को धोखा देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का सरगना एक अमेरिकी नागरिक है और यह भारत के कॉल सेंटर के जरिये अपना काम कर रहा था। दिल्ली में सीबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि जांच एजेंसी के काम को अमेरिकी न्याय विभाग ने सराहा है।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले से सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साख मजबूत हुई है। उधर, अमेरिका के न्याय विभाग ने बयान में कहा कि कैलिफोर्निया का निवासी 59 वर्षीय माइकल ब्रायन कोटर तकनीकी समर्थन प्रदान करने के नाम पर चलाए जाने वाली योजना को आगे बढ़ाने के लिए भारत में अपने साथियों को मदद मुहैया कराता था।
अमेरिका में एक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद एक संघीय अदालत ने कोटर और उसकी पांच कंपनियों को इस योजना को बंद करने का आदेश दिया है, जिसके तहत अमेरिका में कथित रूप से सैकड़ों बुजुर्गों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा चुका है।
बयान में कहा गया कि सीबीआई को जब यह पता चला कि ये कंपनियां भारत में विभिन्न स्थानों से अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी योजना को अंजाम दे रही हैं, तो उसने इस योजना में शामिल पांच कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया और इससे जुड़े लोगों की पहचान करने तथा उनका पता लगाने की कवायद शुरू की।
संयुक्त तलाशी अभियान चलाया :
सीबीआई ने इन कंपनियों के दफ्तरों और इनके निदेशकों के आवासों पर संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। विभाग के बयान में कहा गया कि सीबीआई ने अभूतपूर्व तालमेल का परिचय देते हुए भारत के दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और जयपुर में इस योजना में शामिल कंपनियों और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। न्याय विभाग ने कहा कि सीबीआई ने तलाशी अभियान के दौरान योजना से संबंधित डिजिटल सबूतों को एकत्रित कर उन्हें जब्त कर लिया।