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एशिया में अमेरिकी फौज की तैनाती से बढ़ेगी चीन की घेराबंदी, भारत के साथ हो सकता है नए सिरे से तनाव

अमेरिकी फौज की एशिया में तैनाती के एलान से चीन के खिलाफ नई मोर्चेबंदी देखने को मिल सकती है। जानकारों का कहना है कि इससे चीन की घेराबंदी बढ़ेगी। इस इलाके में तनाव नए रूप में देखने को मिल सकता है।...

एशिया में अमेरिकी फौज की तैनाती से बढ़ेगी चीन की घेराबंदी, भारत के साथ हो सकता है नए सिरे से तनाव
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीSat, 27 Jun 2020 02:26 AM
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अमेरिकी फौज की एशिया में तैनाती के एलान से चीन के खिलाफ नई मोर्चेबंदी देखने को मिल सकती है। जानकारों का कहना है कि इससे चीन की घेराबंदी बढ़ेगी। इस इलाके में तनाव नए रूप में देखने को मिल सकता है। जानकारों के मुताबिक चीन की दक्षिण चीन सागर में आक्रामक गतिविधि और अमेरिका के सामरिक सहयोगियों को घेरने का उसका दांव उल्टा पड़ सकता है। अमेरिका के साथ भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के अलावा दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी से परेशान अन्य देश एक साथ आ सकते हैं।

सामरिक मामलों के जानकार बीएसएफ के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा का कहना है कि चीन अभी वियतनाम, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ब्रूनेई को आंख दिखा रहा है। उसने कई छोटे छोटे आइलैंड कब्जा कर लिया है। भारत के ओएनजीसी शिप दक्षिण चीन सागर में जाते थे उन्हें भी रोका गया। इसलिए अमेरिका की खास निगाह इस इलाके में चीन का बर्चस्व और उसकी आक्रामकता रोकना है।

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लद्दाख में तनाव पर भी अमेरिका की निगाह है क्योंकि उसे पता है कि अगर चीन यहां आक्रामकता दिखाने में सफल होता है, तो उसका मन और बढ़ जाएगा। भविष्य में वह और हिमाकत कर सकता है जिसका सीधा असर अमेरिका की सामरिक रणनीति पर पड़ सकता है।

एशिया इलाके में अमेरिका की फौज होने से वह जरूरत पर आपात सहायता के लिए भी आगे आ सकता है। भारत के नजदीक अगर युद्धपोत नजदीक होंगे, तो भारत को जल्द मदद भेज सकता है। जानकारों के मुताबिक चीन का दबदबा कम करने के लिए अमेरिका दक्षिण चीन सागर में टक्कर का मन बना चुका है, लेकिन जिस तरह की कवायद हो रही है उससे भारत भी सीधा प्रभावित होगा। भारत और चीन के बीच नए सिरे से तनाव देखने को मिल सकता है।

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