अब किसी भी भर्ती में आरक्षण का निर्धारण नहीं करेगा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब किसी भी भर्ती में आरक्षण का निर्धारण नहीं करेगा। रिक्त पदों के आरक्षण की व्यवस्था किए बगैर आने वाले अधियाचन उस विभाग को आरक्षण निर्धारित करने का आग्रह करते हुए वापस कर...
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब किसी भी भर्ती में आरक्षण का निर्धारण नहीं करेगा। रिक्त पदों के आरक्षण की व्यवस्था किए बगैर आने वाले अधियाचन उस विभाग को आरक्षण निर्धारित करने का आग्रह करते हुए वापस कर दिए जाएंगे। आयोग ने भविष्य में आरक्षण को लेकर होने वाले विवाद से बचने के लिए यह अहम फैसला लिया है।
कई बार विभाग आयोग को नियुक्ति का अधियाचन भेजते वक्त सिर्फ रिक्त पदों की संख्या का ही उल्लेख कर देते हैं। यह स्पष्ट नहीं होता है कि इन पदों में कितने पद किस वर्ग/जाति के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
अधियाचन में लिख दिया जाता है कि आरक्षण नियमानुसार होगा। अभी तक आयोग ऐसे अधियाचन पर आरक्षण निर्धारित कर संबंधित विभाग को भेजकर अनुमोदन लेता था। फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती थी।
कृषि तकनीकी सहायक सहित कुछ अन्य भर्तियों में आरक्षण निर्धारित करने और बाद में बदलने को लेकर हुए विवाद से आयोग की खूब किरकिरी हुई। मामला हाईकोर्ट तक गया। पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल के दौरान हुई कुछ सीधी भर्तियों में आरक्षण की प्रकृति बदलकर ओबीसी की एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को चयनित करने के भी आरोप लगे थे। भविष्य में इस तरह का कोई विवाद न हो इसलिए आयोग ने अब आरक्षण निर्धारित न करने का फैसला लिया है।
इस फैसले से आयोग आरक्षण निर्धारण को लेकर होने वाले विवाद से तो बचेगा ही आयोग पर काम का एक अतिरिक्त दबाव भी कम होगा। आयोग सचिव जगदीश का कहना है कि रिक्त पदों का आरक्षण निर्धारित करना अधियाचन भेजने वाले विभाग का दायित्व है।