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दार्जिलिंग में अशांति एक गहरी साजिश के कारण: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जीजेएम के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन एक गहरी साजिश है जिसका समर्थन...

दार्जिलिंग में अशांति एक गहरी साजिश के कारण: ममता
कोलकाता, एजेंसीSat, 17 Jun 2017 10:15 PM
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जीजेएम के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन एक गहरी साजिश है जिसका समर्थन पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूह और कुछ दूसरे मुल्क कर रहे हैं।

बनर्जी ने कहा कि पहाड़ी में अशांति के दौरान जिस तरह की गुंडागर्दी और तोड़फोड़ देखी जा रहा है उसे सिर्फ तभी अमली-जामा पहनाया जा सकता है जब उसके पीछे कोई आतंकवादी दिमाग हो और केंद्र को इसे रोकने के लिए राज्य को पूरी मदद देनी चाहिए। बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि इस गुंडागर्दी और तोड़फोड़ के पीछे आतंकवादी दिमाग है। सिर्फ कोई आतंकवादी ही ऐसा कर सकता है। कोई साधारण आदमी ऐसा नहीं कर सकता है। उनका (जीजेएम) पूर्वोत्तर के भूमिगत विद्रोही समूहों से संबंध है। हमें सुराग मिला है कि इसका आतंकवादी संबंध है। मैं उनसे (विद्रोही समूहों से) अनुरोध करती हूं कि जीजेएम को कोई समर्थन नहीं दें।

उन्होंने कहा कि जीजेएम की कुछ अन्य देश सहायता कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि आज जो हो रहा है वह एक गहरी साजिश है। एक दिन में इतने सारे बम और हथियार नहीं जुटाए जा सकते हैं। इसे लंबे समय से जुटाया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें (जीजेएम) को कहां से समर्थन मिल रहा है। उनका फायदा यह है कि (दार्जिलिंग) एक पहाड़ी क्षेत्र है और अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय सीमा से यह लगा है।

उन्होंने कहा कि वे तोड़-फोड़ के लिए राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो वे नहीं कर सकते। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करूंगी कि उन्हें इस तरह से बर्ताव करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करें। अगर किसी विदेशी (पर्यटक) को कुछ भी होता है तो इससे देश की बदनामी होगी। इस तरह के परिदृश्य में केंद्र और राज्य को मामले पर बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र को हमें अवश्य पूरा सहयोग देना चाहिए।

दार्जिलिंग में आज सुबह पुलिस द्वारा गोलीबारी किये जाने की खबरों को खारिज करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। कोई पुलिस गोलीबारी नहीं हुई। वे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, बम फेंक रहे हैं और इस तरीके से तोड़फोड़ में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि मेरे पत्रकार दोस्तों का अपहरण कर लिया गया है। उनकी जान खतरे में हैं। उन्होंने विदेशी पर्यटकों को जबरन होटल खाली करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कार्यकतार् कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमें बंद को अवैध ठहराया गया है।

जीजेएम समर्थकों के कई सरकारी कार्यालयों में आग लगाने और जलापूर्ति लाइन को क्षति पहुंचाने पर उन्होंने पहाड़ियों में रसद की आपूर्ति को बरकरार रखने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मैं लोगों को खिलाना चाहती हूं और मैं चिंतित हूं कि पहाड़ियों में लोगों को हम कैसे राशन प्रदान करेंगे। अखिल भारतीय गोरखा लीग के नेता मदन तमांग की हत्या में सीबीआई के जीजेएम के नेताओं को नामजद करने का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा कि जीजेएम प्रमुख बिमल गुरंग एक भ्रष्ट नेता हैं जो पहाडि़यों को बेचने का प्रयास कर रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने पहाड़ियों के लोगों से अनुरोध किया कि वे गुरंग की बातों पर ध्यान नहीं दें और अनिश्चितकालीन बंद कर दें।

बनर्जी ने कहा कि जीजेएम ने हिंसा का रास्ता इसलिए अपनाया है क्योंकि जीटीए में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि आपने जीटीए में पांच साल के कार्यकाल का आनंद उठाया है। अब जब आपका कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है तो आपने हिंसा शुरू कर दी है क्योंकि आपने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।  

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जीजेएम के साथ बातचीत करने को तैयार है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कई बार बातचीत की है। लेकिन, उन्हें पहले इसे वापस लेना होगा और सामान्य स्थिति बहाल करनी होगी। राजनैतिक दल किसी भी अन्य पार्टी से चर्चा कर सकती है। राज्य सरकार किसी भी सरकारी एजेंसी के साथ बातचीत कर सकती है, लेकिन सरकार गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं कर सकती।

 

 

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