उन्नाव रेप केस: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा होगी या नहीं, 16 दिसंबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला
उन्नाव रेप केस पर दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा होगी या नहीं, इस पर कोर्ट अब 16 दिसंबर को फैसला सुनाएगा। बता दें कि...
उन्नाव रेप केस पर दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा होगी या नहीं, इस पर कोर्ट अब 16 दिसंबर को फैसला सुनाएगा। बता दें कि उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अगस्त महीने में ही आरोप तय किए। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए।
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं।
A Delhi Court reserves judgment in the Unnao rape case in which former BJP MLA Kuldeep Singh Sengar is the main accused. The court will pronounce its verdict in the case on December 16.
— ANI (@ANI) December 10, 2019
सीबीआई ने गुरुवार को अदालत को बताया था कि कुलदीप सेंगर और उसके भाई ने लड़की के पिता पर हमला किया और तीन राज्य पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलकर शस्त्र कानून के एक मामले में उसे फंसाया। सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता से मारपीट की और राज्य के तीन पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलीभगत से उसे हथियार कानून मामले में फंसा दिया था। जांच एजेंसी ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा को बताया कि विधायक और उसके ''सहयोगियों ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी जिसमें 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता पर देशी पिस्तौल और पांच कारतूस रखने का आरोप लगाया।
दरअसल, भाजपा से निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर वर्ष 2017 में कथित रूप से नाबालिग के साथ बलात्कार का आरोप है। इस मुकदमे के सिलसिले में बीती 28 जुलाई को पीड़िता, उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे। तभी उनकी कार को एक ट्रक टक्कर मार दी थी। इसमें पीड़िता की चाची व मौसी की मृत्यु हो गई थी। पीड़िता व उसका वकील गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। पीड़िता व उसके वकील को एम्स लाया गया था। पीड़िता ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था।
सेंगर के सहयोगियों ने उसके पिता को कथित तौर पर प्रताड़ित किया था और अवैध आग्नेयास्त्र रखने के मामले में कथित तौर पर तीन अप्रैल, 2018 को फंसा दिया था। उनकी नौ अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई।अदालत ने पहले सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या और अन्य आरोपों में आरोप तय किया था। अदालत ने सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप भी तय किए हैं।