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पाकिस्तान का पानी रोकने पर नितिन गडकरी बोले, सरकार और पीएम के लेवल पर होगा फैसला

पुलवामा के आतंकी हमले के बाद से भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान को अलग-थलग करने में जुट गया है। पहले आतंकवाद को लेकर दुनियाभर के देशों को पाक के खिलाफ खड़ा किया। अब उसे आंतरिक तौर पर कमजोर करने की मुहिम...

 पाकिस्तान का पानी रोकने पर नितिन गडकरी बोले, सरकार और पीएम के लेवल पर होगा फैसला
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान Fri, 22 Feb 2019 10:47 AM
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पुलवामा के आतंकी हमले के बाद से भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान को अलग-थलग करने में जुट गया है। पहले आतंकवाद को लेकर दुनियाभर के देशों को पाक के खिलाफ खड़ा किया। अब उसे आंतरिक तौर पर कमजोर करने की मुहिम में जुट गया है। इसी के तहत भारत पाक की ओर जाने वाली रावी, व्यास और सतलुज नदी की धारा मोड़ने की कवायद में जुटा है। इस पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पाकिस्तान का पानी रोकने का निर्णय केवल मेरे विभाग का नहीं है। 

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार और पीएम स्तर पर निर्णय होगा लेकिन मैंने अपने विभाग से कहा है कि पाकिस्तान का जो इनके अधिकार क्षेत्र में पानी जा रहा था वो कहां-कहां रोक सकते हैं उसका टेक्निकल डिजाइन बनाकर तैयारी करो। उन्होंने कहा कि अगर इसे तरह से वो वर्ताव करेंगे और आतंकवाद का समर्थन करेंगे तो फिर उनका साथ मानवता का व्यवहार करने का क्या मतलब है। आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बालैनी में बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान का पानी रोककर यमुना में लाया जाएगा। इसके लिए भारत के अधिकार वाली तीन नदियों के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। दिल्ली -आगरा से इटावा तक जलमार्ग की डीपीआर भी तैयार हो चुकी है। बागपत में रिवर पोर्ट बनाया जाएगा। पानी की कमी दूर होने से किसान अपनी फसल चक्र बदलें और चीनी मिलें गन्ने के रस से एथनॉल बनाएं, तो रोजगार और आमदनी भी बढ़ेगी।

केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार पूर्व की नदियों की धारा मोड़ेगा और इसकी आपूर्ति जम्मू-कश्मीर व पंजाब के लोगों के लिए करेगा। 

गडकरी के इन ट्वीट के बाद मंत्रालय ने किसी तरह की गलतफहमी को रोकने के लिए साफ किया है कि सिंधु जल समझौते को लेकर गडकरी ने जो ट्वीट किया है उसे वह हमेशा कहते रहे हैं, यह नया निर्णय नहीं है। उन्होंने यही कहा है कि सिंधु जल का भारत का जो हिस्सा पाकिस्तान जा रहा था उसे वह भारत के लोगों के उपयोग के लिए मोड़ेगे। 

पाकिस्तान में होगा संकट : 
पाकिस्तान की खेती और पन बिजली की कई परियोजनाएं सिंधु के जल पर निर्भर है। ऐसे में अगर भारत अपने हिस्से का ज्यादा जा रहा पानी रोकता है तो पाकिस्तान को दिक्कत होगी। पड़ोसी देश की कई परियोजना अटक सख्ती है।

विशेषज्ञ का मत : 
पूर्व राजनयिक योगेंद्र कुमार ने कहा कि उरी में जब आतंकी हमला हुआ था, तब भी भारत सरकार ने सिंधु जल समाझौते की समीक्षा की थी। किस आधार पर ज्यादा पानी पाकिस्तान को जा रहा है। उसे कैसे रोका जाए। उसके बाद सरकार ने इस बारे में कार्रवाई की होगी। कितना क्यूसैक पानी पाक का हिस्सा बनता है और कितना जा रहा है। जब भारत में पानी की कमी है और जम्मू कश्मीर में पानी की कमी है तो उनको वह मिलना चाहिए। इसके लिए बांध, नहर जो भी प्रक्रिया होगी सरकार उसे कर रही होगी। चूंकि यह अंतरराष्ट्रीय संधि है और विश्व बैंक इसकी निगरानी करता है इसलिए सारे पहलुओं को पहले ही देख लिया गया होगा। 

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