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Budget 2020: बजट के बाद बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, लोगों के हाथों में डाला पैसा, आयकर प्रक्रिया को बनाया आसान

Union Budget 2020: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू...

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 01 Feb 2020 04:29 PM
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Union Budget 2020: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही। इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही। सीतारमण ने अपने बजट भाषण कई कल्याण योजनाओं मसलन सस्ता घर, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और आयुष्मान भारत का जिक्र किया।। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार यानी 31 जनवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 जारी किया।

Modi government Union Budget 2020 LIVE Updates:

- प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्रेचुएटी और एनपीएस पर छूट मिलती रहेगी।

- बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि टैक्स सिस्टम को आसान बनाया है। अब टैक्स भरने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।

- सहकारी समितियों के लिये 22 प्रतिशत की दर से कर, इसके ऊपर 10 प्रतिशत अधिभार, 4 प्रतिशत उपकर लागू होगा।

- लाभांश वितरण कर समाप्त, अब लाभांश पाने वालों को देना होगा कर।

- वित्त मंत्री ने कहा कि नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा।

- निर्मला सीतारमण ने कहा, 'ढाई लाख रुपये तक की आय कर मुक्त बनी रहेगी। ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन छूट के बाद पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा।'

-  दस लाख से 12.5 लाख की आय पर अब 20 प्रतिशत, 12.5 से 15 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

- अब ऐसा होगा नया टैक्स स्लैब...
5% - 2.5 – 5 लाख कमाई पर
10% - 5-7.5 लाख कमाई पर
15% - 7.5 – 10 लाख कमाई पर
20% - 10 – 12.5 लाख कमाई पर
25% - 12.5 – 15 लाख कमाई पर
30% - 15 लाख और अधिक से ऊपर की कमाई पर

- 5-7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 7.5-10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव।

चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत के बजट लक्ष्य से बढ़कर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।

- एलआईसी में आईपीओ लाकर अपना बड़ा हिस्सा बेचेगी केंद्र सरकार

- आईडीबीआई बैंक में अपनी बची हिस्सेदारी को निजी खुदरा निवेशकों को बेचेगी सरकार। 

- लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी कानून में जरूरी संशोधन किया जाएगा, रिजर्व बैंक से एमएसएमई ऋण पुनर्गठन समयसीमा बढ़ाने का आग्रह।

- वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ हवा के लिए बजट में 4,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। स्वच्छ वातावरण के लिए राज्यों को प्रोत्साहन। 

- निर्मला सीतारमण ने बजट में बड़ा ऐलान किया है। बैंक में जमाकर्ता की गारंटी को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है। अभी तक बैंक में पैसा डूबने की स्थिति में जमाकर्ता को अधिकतम एक लाख रुपये तक दिए जाते थे।

- बजट में राष्ट्रीय गैस ग्रिड नेटवर्क को 16200 किमी से बढ़ाकर 27000 किमी करने का प्रस्ताव।

- निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान से बेहतर परिणाम मिले। लड़कों के मुकाबले लड़कियों की दाखिला संख्या बढ़ी है।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने वाले 'भारतनेट' कार्यक्रम के लिए 2020-21 में 6,000 करोड़ रुपये आवंटित। एक लाख ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा।

- 112 आकांक्षी जिलों में जहां आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल नहीं हैं, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत अस्पताल बनाने को प्राथमिकता।

- तेजस की तरह और रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन का काम आगे बढ़ाया जाएगा। बेंगलुरू उप-नगरीय रेलगाड़ी परियोजना में केंद्र सरकार 20 प्रतिशत शेयर पूंजी लगाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एससी के विकास के लिए 85 हजार करोड़ और एसटी के लिए 53700 करोड़ आवंटित किए जा रहे हैं।

- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पीएम किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जाएगा।

- वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के लिए चार चरणों में 1,480 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

- अगले तीन साल में सभी के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर, बिजली ग्राहकों को वितरण कंपनी चुनने की आजादी मिलेगी, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये 22,000 करोड़ रुपये का आवंटन।

वित्त मंत्री सीतारमण ने 'धन लक्ष्मी योजना' की घोषणा की। इसके तहत नाबार्ड के समर्थन से गांवों में महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा भंडारण सुविधाएं चलाई जाएंगी।

- बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल 2023 तक दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो जाएगा।

जल संकट से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिए सरकार विस्तृत योजना लाने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। सीतारमण ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018 लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

- समुद्री मत्स्यन संसाधन के विकास, प्रबंधन और संरक्षण की नयी व्यवस्था बनायी जाएगी, मछली उत्पादन 2022-23 तक बढ़ाकर 200 लाख टन किया जाएगा।

बजट में निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि देश में जल्द नई शिक्षा नीति घोषित की जाएगी। पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय के गठन किया जाएगा। शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ तथा कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं।

- वित्त मंत्री ने कहा कि जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए 'किसान रेल''

- बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट मुख्यत: तीन बातों 'आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज भारत पर केंद्रित है।

- वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान 7.4 प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि हासिल की गई। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2020 से जीएसटी की नई सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू होगी

- बजट भाषण में बोलीं सीतारमण, 'जीएसटी से परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र की दक्षता बढी, इंस्पेक्टर राज समाप्त हुआ, लघु और मझोले उद्योग क्षेत्र को लाभ हुआ और ग्राहकों को एक लाख करोड़ रुपये का सालाना बचत हुई।'

- बजट भाषण में बोलीं वित्त मंत्री, हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गरम खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।

- सीतारमण ने कहा कि इस बजट का लक्ष्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, कारोबार को मजबूत करना,, सभी अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति / जनजाति की महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है।

निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं दूरदर्शी नेता स्वर्गीय अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। जीएसटी संरचनात्मक सुधारों में सबसे ऐतिहासिक रहा है। जीएसटी धीरे-धीरे एक कर में परिपक्व हो रहा है जिसने देश को आर्थिक रूप से एकीकृत किया है।'

- बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'जनता ने हमारी आर्थिक नीति में विश्वास को दोहराया है।'

- वित्त मंत्री ने 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट लोकसभा पटल पर रखी।

- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण शुरू। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कर रही हैं पेश।

- केंद्रीय कैबिनेट से बजट 2020 को मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ देर में संसद में बजट पेश करेंगी।

- संसद भवन में पेश होने वाले आज बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का परिवार संसद पहुंचा। 

-आम बजट 2020 से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुुंचे

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम बजट पेश होने से पहले संसद भवन पहुंचे।

- आम बजट से पहले सेंसेक्स 279.01 अंक गिरकर 40,444.48 पर और निफ्टी 81.45 अंक गिरकर 11,880.65 पर पहुंचा।

- अर्थव्यवस्था में सुस्ती के साथ सरकार को रोजगार के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सरकार ने इसके लिए पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों को बजट में बड़ी रियायत दे सकती है। इनमें विनिर्माण, इंफ्रा और सेवा क्षेत्र प्रमुख हो सकते हैं।

- सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा था जिसे हासिल किए जाने की उम्मीद बहुत कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 1999 से 2004 तक विनिवेश के लिए जो सरकारी कंपनियों में जो विनिवेश की रणनीति अपनाई गई और उसके बाद उनका जो प्रदर्शन रहा वह बेहद मायने रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों में विनिवेश से पहले उनकी वित्तीय स्थिति के साथ उनके प्रदर्शन और बाजार में पहुंच का आकलन करके विनिवेश के जरिये ज्यादा बेहतर राजस्व हासिल किया जा सकता है। उम्मीद है कि सरकार इसपर गौर करेगी जिससे अगले वित्त वर्ष में उसे विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है।

इंफ्रा, रोड और ऊर्जा क्षेत्र पर बजट में आबंटन बढ़ा सकती है सरकार
देश को वर्ष 2025 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए इंफ्रा, रोड और ऊर्जा क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इंफ्रा क्षेत्र में अगले पांच साल में 1.4 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत होगी। इस क्षेत्र के विकास से रोजगार में वृद्धि भी जुड़ी हुई है। इंफ्रा क्षेत्र सीधे तौर पर सबसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में से एक है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इंफ्रा क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं को जल्द पूरा करने पर जोर देना चाहिए।

आम आदमी को भी आयकर छूट में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद
अर्थव्यवस्था में सुस्ती को देखते हुए कई विशेषज्ञ व्यक्तिगत आयकर में छूट का दायरा बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं। उनका कहना है कि इससे मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी जिसका लाभ अर्थव्यवस्था को होगा। हालांकि, राजस्व में कमी और ऊंचे राजकोषीय घाटे को देखते हुए व्यक्तिगत आयकर में बड़ी रियायत की उम्मीद कम है। इसके बावजूद सरकार आयकर के मोर्चे पर थोड़ी रियायत दे सकती है।

बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती पर जोर देने की उम्मीद
बैंकों में हाल के वर्षो में कई घोटाले सामने आए हैं जिससे उनकी साख पर सवाल उठने लगे हैं। बैंकों पर लोगों का भरोसा मजबूत करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय करने होंगे। साथ ही बैंकों को कुछ आजादी भी देनी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के 100 शीर्ष बैंकों में कम से कम पांच से छह बैंक भारत के होने चाहिए जबकि अभी इस सूची में एकमात्र एसबीआई ही है।

निर्यात बढ़ाने पर हर संभव कदम उठाएगी सरकार
भारत के निर्यात की रफ्तार सुस्ती के दौर से गुजर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम कुशलता की जरूरत वाले कपड़ा क्षेत्र सहित अन्य विनिर्माण से जुड़े क्षेत्रों को रियायत देकर निर्यात को रफ्तार दी जा सकती है। इसके लिए कल-पूर्जे बाहर से मंगाकर भारत में उसके जरिये निर्माण हब बनाने की दिशा में भी सरकार बड़ी कोशिश कर सकती है।

छोटे उद्योगों को भी राहत देने की संभावना
देश में रोजगार देने में शुक्ष्म, छोटे और मझोले उद्योग (एमएसएमई) का बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन वर्तमान समय में यह चुनौतियों से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र के लिए कर्ज मिलना आसान करने के साथ अन्य रियायते भी दी जा सकती हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जा सकें।

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