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प्रोफाइल: जानें कौन हैं 6 लोगों को फांसी कराने वाले वकील उज्जवल निकम

विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम गुरुवार को प्रीति राठी के केस के दोषी को अंकुर ला

Alakhaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Thu, 07 Sep 2017 04:13 PM

हाई प्रोफाइल केस में 6वीं फांसी

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विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम गुरुवार को प्रीति राठी के केस के दोषी को अंकुर लाल पंवार को फांसी की सजा सुनवाने में कामयाब रहे। उज्जवल निकम की जोरदार दलीलों से फांसी की सजा पाने वाले लोगों में अंकुर लाल 6वां ऐसा शख्स है जिसे जिसे हाई प्रोफाइल केस में फांसी की सजा मिली है।

दिल्ली के नरेला की रहने वाली प्रीति राठी को मार्च 2013 में रक्षामंत्रालय में नौकरी मिली थी, घर वालों को आश थी उनकी बेटी की बदौलत अब उनकी जिंदगी बदल जाएगी। लेकिन नौकरी लगने के एक महीने बाद ही उनकी बेटी के साथ जो कुछ हुआ उसने पूरे परिवार को एक बड़े सदमे में डाल दिया। दो मई को प्रीति मुंबई के ब्रांद्रा टर्मिनल के पास एक अज्ञात हमलावर ने प्रीति के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया और मौके फरार हो गया। तीन मई को डॉक्टरों ने पाया कि प्रीति की एक आंख खराब हो चुकी है। 8 मई को दिल्ली से एक आरोपी गिरफ्तार हुआ। लेकिन अस्पताल में जिंदगी की जंग से जूझते हुए प्रीति ने एक जून को दम तोड़ दिया।

प्रीति की हत्या के चार साल बाद उसके परिवार वालों को न्याय मिला जो मशहूर वकील उज्जवल निकम की मेहनत की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। गुरुवार को मुंबई की एक विशेष महिला अदालत ने केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए आरोपी अंकुल लाल को फांसी सजा सुनाई है। अदालत ने सीनियर वकील उज्जवल निकम की जिस दलील पर आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है वह इस प्रकार है- 'अगर उसे कम सजा दी जाती है तो वह कुछ समय बाद सजा पूरी कर बाहर आ जाएगा, इससे दूसरी लड़कियां सुरक्षित नहीं रहेंगी।'

इससे पहले उज्जवल निकम पांच और लोगों को फांसी की सजा दिला चुके हैं। आगे पढ़ें, वरिष्ठ वकील उज्जल निकम की पूरी प्रोफाइल-

जिला अदालत से शुरू की थी वकालत

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उज्जवल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता देवरावजी एक जज थे जबकि माता गृहणी थीं। बीएससी करने के बाद उज्जव निकम ने जलगांव के ही एसएस म्यामांर कॉलेज से ही कानून की पढ़ाई की। निगम ने जलगांव की ही जिला अदालत से वकालत शुरू की और फिर राज्य स्तर के केस लड़ने लगे और फिर धीरे धीरे राष्ट्रीय स्तर के केस देखने लगे।

एक वेबसाइट के अनुसार, उज्जवल अभी तक 628 अपराधियों को आजीवन कारावास और 37 को मौज की सजा दिलवा चुके हैं। हाई प्रोफाइल केसों की पैरवी करने के कारण भारत सरकार ने उन्हें जेड प्लस सिक्यूरिटी मिली हुई है।

भारत सरकार के वकील उज्जवल निकम कई चर्चित मर्डर और आतंकी हमलों की पैरवी कर चुके हैं। जिन आतंकवादी घटनाओं में उन्होंने पैरवी की है उनमें 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट और 2008 मुंबई धमाके प्रमुख हैं।

जिन चर्चित हत्याओं में निकम पैरवी कर चुके हैं उनमें गुलशन कुमार मर्डर, प्रमोद महाजन मर्डर केस और 2013 मुंबई गैंगरेप केस प्रमुख है।

इनकम:

उज्जल निकम की फीस या इनकम की बात करें तो एक लेख के मुताबिक, उन्हें एक दिन की सुनवाई के लिए मात्र 10 हजार रुपए लेते हैँ जबकि उनके बराबर के  क्रिमिनल वकील 5 लाख रुपए तक लेते हैं।

इन केसों में दिला चुके हैं फांसी की सजा-

इन केसों में दिला चुके हैं फांसी की सजा-3 / 3

एक रिपोर्ट के अनुसार उज्जव निकम जिन चर्चित केसों में अपराधियों को फांसी की सजा करा चुके हैं उनमें 1993 मुंबई धमाके, गुलशन कुमार मर्डर केस, प्रमोद महाजन मर्डर केस, 26/11 मुंबई धमाके, मुंबई की शक्ति मील रेप केस और याकूब मेमन केस है।

आपको बता दें 26/11 के मुख्य आरोपी कसाब को फांसी दिलाने वाले वकील उज्जवल निकम ही हैं। निकम ने ही मीडिया को बताया था कि कसाब जेलर से बिरयानी खाने को मांगता है। जो कि देशभर की मीडिया की सुर्खी बना था।