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सोनिया गांधी की बुलाई बैठक में केंद्र पर बरसे उद्धव ठाकरे, कहा- हम करें तो पाप और वो करें तो पुण्य, ऐसे नहीं चलेगा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में विपक्ष शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रदेशों के अधिकारों के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि कोरोना...

सोनिया गांधी की बुलाई बैठक में केंद्र पर बरसे उद्धव ठाकरे, कहा- हम करें तो पाप और वो करें तो पुण्य, ऐसे नहीं चलेगा
लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 26 Aug 2020 06:16 PM
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में विपक्ष शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रदेशों के अधिकारों के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुआवजे का पूरा भुगतान करना चाहिए। सोनिया गांधी ने यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है।

इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'हम करें तो पाप और वो करें पुण्य। ऐसा नहीं चलेगा।' उन्होंने कहा, 'यह फैसला हमें करना है कि हमको लड़ना है या डरना है।' ठाकरे ने कहा, 'आम आदमी की ताकत सबसे बड़ी होती है, उसकी आवाज सबसे ऊंची होती है और अगर कोई उसे दबाने की कोशिश करे तो उसकी आवाज उठानी चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने जीएसटी परिषद से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ डिजिटल बैठक की। जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त को होगी।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के पांच साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है। बैठक में सोनिया ने ममता और ठाकरे की इस राय का समर्थन किया कि विपक्ष शासित सभी राज्य सरकारों को अपने अधिकारों के लिए केंद्र से एकजुट होकर लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें मिलकर काम करना चहिए और केंद्र के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी चाहिए।'

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हालात 'बहुत गंभीर' हैं और विपक्षी शासित राज्यों को मिलकर लड़ना चाहिए। राजथान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ काम हो रहा है और विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को गिराने का प्रयास हो रहा है।

बैठक में सोनिया ने यह दावा भी किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है। उन्होंने कहा, 'जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया। इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया। गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है।'

सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है। बैठक में इन सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित होनी चाहिए।

बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए। हालांकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए।

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