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हत्यारे रियाज अटारी ने बनाए थे 6 कसाई चाकू, 2 का कन्हैया लाल की हत्या में किया इस्तेमाल

दोनों आरोपियों ने महोसिन की शॉप पर जाकर दो चाकू लिए और इस जघन्य अपराध को अंजाम देने में जुट गए। बाकी चार चाकू मोहसिन के पास से बरामद हुए हैं, जो कि खुद भी कट्टरपंथी मॉड्यूल का हिस्सा है।

Niteesh Kumar शिशिर गुप्ता, हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीTue, 5 July 2022 12:26 PM
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हत्यारे रियाज अटारी ने बनाए थे 6 कसाई चाकू, 2 का कन्हैया लाल की हत्या में किया इस्तेमाल

ISIS की तरह बर्बर तरीके से उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या मामले में अहम खुलाया हुआ है। यह जानकारी सामने आई है कि दो मुख्य आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज अटारी ने उन छह चाकूओं में से दो का इस्तेमाल किया था जिन्हें अटारी ने ही तैयार किया था।

आरोपी से पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि अटारी ने 9 जून को बकरीद त्यौहर के लिए 6 बड़े चाकू तैयार किए थे और उसने इन्हें मोहसिन मुर्गेवाला नाम के स्थानीय कसाई के पास रखा था। मोहसिन की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। 

दावत-ए-इस्लामी संगठन के फॉलोअर्स हैं दोनों हत्यारे
दोनों मुख्य आरोपी कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी संगठन के फॉलोअर्स हैं। उन्होंने महोसिन की शॉप पर जाकर दो चाकू लिए और इस जघन्य अपराध को अंजाम देने में जुट गए। बाकी चार चाकू मोहसिन के पास से बरामद हुए हैं, जो कि खुद भी इस कट्टरपंथी मॉड्यूल का हिस्सा है।

जांच से खुलासा हुआ है कि कन्हैया लाल की हत्या में शामिल गौस मोहम्मद व्यापारी था। उसने दो अन्य लोगों के साथ कराची स्थित दावत-ए-इस्लामी के हेडक्वार्टर का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात इसके सरगना इलियास कादरी से हुई।

गौस ने उमराह के लिए दो बार सऊदी अरब की यात्रा भी की है और वह बरेलवी इस्लाम का अभ्यास करता है। गौस के साथ कराची जाने वाले दोनों संद्गिधों की भी पहचान हो गई है, उन्हें भी जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

फोन रिकॉर्ड्स और व्हाट्सएप ग्रुप चैट की हो रही जांच
NIA और इंटरनल सिक्योरिटी एजेंसियां फोन रिकॉर्ड्स जांच कर रही हैं। साथ ही अटारी और मोहम्मद के दावत-ए-इस्लामी के व्हाट्सएप ग्रुप चैट की भी छानबीन हो रही है। इसके लिए टेक्निकल एक्सपर्ट्स का भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अपराध की योजना स्थानीय स्तर पर ही बनाई गई या फिर यह बॉर्डर पर रची गई साजिश है। 

इस्लामवादियों की ओर से अमरावती में 21 जून को उमेश कोल्हे की हत्या और 28 जून को उदयपुर में हुए मर्डर के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। ये मामले धार्मिक कट्टरता में बढ़ोतरी का संकेत करते हैं और मालूम होता है कि कट्टरपंथी कानून को अपने हाथ में लेने से डर नहीं रहे हैं।

एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने दोनों मामलों पर गृह मंत्री अमित शाह को सोमवार को जानकारी दी। इस तरह की धार्मिक कट्टरता का मुकाबला करने के लिए अलग-अलग कदम उठाने की योजना पर काम चल रहा है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सकें।