Two Thousand Crore Drug Case Jaffar Sadiq Arrested Gave 7 Lakh to Udhayanidhi Stalin Now NCB May Questions Him - India Hindi News दो हजार करोड़ का ड्रग्स केस: उदयनिधि को दिए सात लाख रुपये, आरोपी जाफर का दावा; अब NCB कर सकती है स्टालिन से पूछताछ, India Hindi News - Hindustan
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दो हजार करोड़ का ड्रग्स केस: उदयनिधि को दिए सात लाख रुपये, आरोपी जाफर का दावा; अब NCB कर सकती है स्टालिन से पूछताछ

एनसीबी कथित तौर पर इस बात की जांच कर रही है कि क्या जाफर सादिक ने उदयनिधि स्टालिन को जो पैसा दिया था, वह क्या ड्रग्स की तस्करी से मिला पैसा था?

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 9 March 2024 10:27 PM
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दो हजार करोड़ का ड्रग्स केस: उदयनिधि को दिए सात लाख रुपये, आरोपी जाफर का दावा; अब NCB कर सकती है स्टालिन से पूछताछ

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और दिल्ली पुलिस ने करीब दो हजार करोड़ के इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट के एक मामले में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के पूर्व पदाधिकारी जाफर सादिक को गिरफ्तार किया है। जाफर एक तमिल फिल्म प्रॉड्यूसर भी है और कई फिल्मों को प्रॉड्यूस कर चुका है। डीएमके ने हाल ही में जाफर को निष्कासित कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, जाफर सादिक ने एनसीबी को पूछताछ में बताया है कि उसने डीएमके के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सात लाख रुपये दिए थे। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एनसीबी की पूछताछ में जाफर का कहना है कि उसने पिछले साल पांच लाख रुपये उदयनिधि को बाढ़ में मदद करने के लिए और दो लाख रुपये पार्टी फंड के लिए दिए थे। 

सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री बेटे उदयनिधि को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। एनसीबी कथित तौर पर इस बात की जांच कर रही है कि क्या जाफर सादिक ने उदयनिधि स्टालिन को जो पैसा दिया था, वह क्या ड्रग्स की तस्करी से मिला पैसा था? वहीं, अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो सकती है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर सकती है। इसके अलावा, एनसीबी जांच को लेकर कई अन्य एजेंसियों के संपर्क में भी है।

एनसीबी के उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सादिक के तार तमिल और हिंदी फिल्म जगत से जुड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि कुछ 'हाई प्रोफाइल' लोगों के साथ-साथ राजनीतिक वित्तपोषण के कुछ मामले एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। सूत्रों ने बताया कि लाखों के लेन-देन के संबंध में एनसीबी जल्द ही डीएमके के एक आला दर्जे के नेता को पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। सिंह ने बताया कि सादिक को खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। सिंह ने कहा कि मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल अंतरराष्ट्रीय गिरोह भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया तक फैला है जिसका सरगना सादिक है। 

'कानूनी तरीके से जांच में विश्वास रखती है एनसीबी'
ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया, ''एनसीबी निष्पक्ष और कानूनी तरीके से जांच करने में विश्वास रखती है। एक अपराधी की कोई जाति, धर्म या राजनीतिक पार्टी नहीं होती। जो कोई भी स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम का उल्लंघन करता है, वह अपराधी है और हम ऐसे किसी भी मामले की जांच करेंगे।'' जब सिंह से पूछा गया कि क्या कोई राजनीतिक व्यक्ति एजेंसी की जांच के दायरे में है, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ''हम इस मामले में मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त पैसे के लेन-देने की जांच करेंगे।'' उन्होंने बताया कि इस मामले के संबंध में एजेंसी ने फरवरी में दिल्ली में छापेमारी की थी, जिसके तुरंत बाद सादिक छिप गया था और हिरासत में लिए जाने से पहले वह चेन्नई से तिरुवनंतपुरम, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और जयपुर गया था। सादिक का पूरा नाम जाफर सादिक अब्दुल रहमान है और एनसीबी ने पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया था। 

सादिक को हाल ही में किया गया था डीएमके से बाहर
तमिल फिल्मों के निर्माता सादिक को सत्तारूढ़ डीएमके से हाल में निष्कासित किया गया था। एजेंसी ने मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से सादिक के कथित संबंधों का खुलासा किया था और इसके बाद उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। सिंह ने बताया कि सादिक ने एनसीबी से कहा था कि वह द्रमुक की एनआरआई शाखा की चेन्नई पश्चिम इकाई का उपसंगठक था। राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) इस मुद्दे पर लगातार द्रमुक को निशाना बना रहे हैं। पिछले महीने एनसीबी ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था और दिल्ली के एक गोदाम पर छापेमारी करके 50 किलोग्राम मादक पदार्थ बनाने में इस्तेमाल होने वाला रसायन 'स्यूडोएफेड्राइन' जब्त किया था। वर्ष 2023 के अंत में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अधिकारियों ने भारत से 'भारी मात्रा' में तस्करी करके उनके देशों में लाई जा रही स्यूडोएफेड्राइन के बारे में गोपनीय जानकारी दी थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और एनसीबी ने छापेमारी की थी। 

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