18000 करोड़ का कोल माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट मिला तो बदल ली पार्टी, TRS का BJP उम्मीदवार पर आरोप
टीआरएस ने बीजेपी कैंडिडेट रेड्डी को अयोग्य करार देने की मांग की है। सत्तारूढ़ पार्टी का दावा है कि 18,000 करोड़ रुपये का कोल माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद रेड्डी ने दलबदल किया।
तेलंगाना के मुनुगोड़े विधानसभा क्षेत्र में 3 नवंबर को उपचुनाव होना है। इसे लेकर सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने शनिवार को इस सीट से कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी को मैदान में उतारा।
रेड्डी ने अगस्त में कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। वह निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक थे और उनके इस्तीफे के कारण उपचुनाव की जरूरत पड़ी। हाल ही में अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) करने वाले टीआरएस ने पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
रेड्डी को अयोग्य करार देने की मांग
टीआरएस ने बीजेपी कैंडिडेट रेड्डी को अयोग्य करार देने की मांग की है। सत्तारूढ़ पार्टी का दावा है कि 18,000 करोड़ रुपये का कोल माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद रेड्डी ने दलबदल किया। TRS नेताओं का कहना है कि रेड्डी के परिवार की कंपनी को केंद्र सरकार से यह हजारों करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।
'रेड्डी ने खुद स्वीकारी यह बात'
टीआरएस के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्य चुनाव अधिकारी विकास राज से मुलाकात की और रेड्डी को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा। इस पत्र में कहा गया है कि कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी ने टीवी इंटरव्यू के दौरान स्वीकार किया था कि जब वह कांग्रेस के साथ थे तब उन्हें कॉन्ट्रैक्ट मिला था और उसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए।
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर
कांग्रेस इस उपचुनाव के लिए पलवई श्रावंथी को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। मालूम हो कि उपचुनाव के लिए अधिसूचना 7 अक्टूबर को जारी की गई और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर है। सभी सीटों पर मतगणना 6 नवंबर को की जाएगी।
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