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तीन तलाक पर चर्चा के दौरान बोले रविशंकर- ये महिलाओं के अधिकार, न्याय की बात है

मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (Triple Talaq Bill) को रोकने के मकसद से लोकसभा में लाए गए 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 के कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए कांग्रेस ने इसे...

तीन तलाक पर चर्चा के दौरान बोले रविशंकर- ये महिलाओं के अधिकार, न्याय की बात है
नई दिल्ली, एजेंसीThu, 27 Dec 2018 06:21 PM
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मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (Triple Talaq Bill) को रोकने के मकसद से लोकसभा में लाए गए 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018 के कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए कांग्रेस ने इसे संयुक्त प्रवर समिति में भेजने की मांग की तो सत्तारूढ़ बीजेपी ने इसे मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि तीन तलाक बिल किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है।

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार के 'मुंह में राम बगल में छूरी वाले रुख के विरोध में है क्योंकि सरकार की मंशा मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने एवं उनका सशक्तीकरण की नहीं, बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करने की है।

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उन्होंने तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2017 के विधेयक को लेकर जो चिंताएं जताई थी उसका ध्यान नहीं रखा गया। सुष्मिता देव ने कहा कि एक वकील होने के बावजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक पर कानून बनाने को लेकर उच्चतम न्यायालय अल्पमत के फैसले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा जाए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि 1986 में राजीव गांधी के समय शाह बानो प्रकरण के बाद बनाया गया कानून मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कानून था जिसका उल्लेख उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में बार-बार किया। बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने विधेयक को नरेंद्र मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम करार देते हुए कहा कि तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक बताया और इस प्रथा का कुरान में कहीं उल्लेख नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण यह प्रथा अब तक चलती आई है जिसका खामियाजा मुस्लिम महिलाओं को भुगतना पड़ा है। बीजेपी सांसद ने कहा कि कई इस्लामी देशों में तीन तलाक में खत्म किया जा चुका है, लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में चल रहा है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने 30 साल पहले कदम उठाती तो उसी वक्त इतिहास बदल जाता। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में महिलाओं के लिए कई कदम उठाए हैं और यह भी मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उठाया गया है।

अन्नाद्रमुक के अनवर रजा ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने पहले के विधेयक में बड़े संशोधन नहीं किए और संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ विधेयक लेकर आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक सांप्रदायिक सद्भाव और संविधान के खिलाफ है। 

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