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मां दुर्गा की पूजा के बाद TMC सांसद नुसरत जहां ने पंडाल में किया पारंपरिक डांस, ढाक भी बजाया, देखें VIDEO

कोरोना काल में सावधानी बरतते हुए पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में दुर्गा पूजा का जश्न मनाया जा रहा है। इस बीच आज दुर्गाष्टमी के मौके पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद नुसरत जहां (नुसरत जहान) ने...

 Nusrat Jahan offers prayers at Suruchi Sangha in Kolkata
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Trinamool Congress  TMC MP Nusrat Jahan dances as well as plays dhak at Suruchi Sangha on Durga Ashtami
2/ 2Trinamool Congress TMC MP Nusrat Jahan dances as well as plays dhak at Suruchi Sangha on Durga Ashtami
एएनआई,कोलकाताSat, 24 Oct 2020 01:06 PM
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कोरोना काल में सावधानी बरतते हुए पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में दुर्गा पूजा का जश्न मनाया जा रहा है। इस बीच आज दुर्गाष्टमी के मौके पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद नुसरत जहां (नुसरत जहान) ने कोलकाता में मां दुर्गा की पूजा की। दुर्गाष्टमी के मौके पर नुसरत जहां कोलकाता के सुरुचि संघ पहुंचीं थीं, जहां उन्होंने मां दुर्गा का दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक वादन यंत्र ढाक (ढोलक) नृत्य किया और ढाकियों के साथ बजाया भी। 

समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरें और वीडियो जारी की हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि नुसरत जहां सुरुचि संघ के पंडाल में माता का दर्शन कर रही हैं। यहां नुसरत पूजा करती हैं और फिर ढाक की धुन पर नाचती भी हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि ढाक की धुन पर कुछ श्रद्धालु महिलाएं नृत्य कर रही हैं और फिर बीच में नुसरत जहां उनका साथ देने लगती हैं। 

इसके बाद नुसरत जहां ढाकियों के साथ ढाक भी बजाती हैं। पिछले साल भी नुसरत जहां पंडाल गई थीं और उन्होंने 'सिंदूर खेला' में हिस्सा लिया था। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। नुसरत ने कहा था कि वह सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करती हैं। 'सिंदूर खेला' बंगाल में औरतें सिर से नाक तक सिंदूर लगाती हैं और मिठाई बांटती हैं। 

बता दें कि कोरोना की वजह से ढाक को पंडाल में ले जाने की इजाजत नहीं थी मगर बीते दिनों अदालत ने अपने आदेशों में संशोधन करते हुए ढाकियों (ढोलकिया) को पंडालों के नो-एंट्री जोन के भीतर रहने की अनुमति दी लेकिन उन्हें सभी सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सामुदायिक दुर्गा पूजा समारोह पर अपने आदेश को आंशिक रूप से संशोधित किया था, जिसमें उन्होंने पूजा पंडालों में प्रवेश निषिद्ध क्षेत्र के भीतर ढोल बजाने वालों को प्रदर्शन करने की अनुमति दी और बड़े पंडालों में पूजा के लिए उपस्थित रह सकने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी 25 से बढ़ाकर 60 कर दिया। 'फोरम फॉर दुर्गोत्सव द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अपने पहले के आदेश को बरकरार रखते हुए सभी दुर्गा पूजा पंडालों को नो-एंट्री जोन घोषित किया और आगंतुकों को प्रवेश करने से रोकने के लिए पंडालों के सामने बैरिकेड लगाने के आदेश दिए। खंडपीठ में न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे।

अदालत के समक्ष पेश फोरम के वकील ने कहा कि दुर्गा पूजा बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार है और इसके साथ उनकी बहुत सारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं, इसलिए 'अंजली' चढ़ाने के लिए और''सांधी पूजा के दौरान पूजा पंडालों में प्रवेश करने वालों की संख्या में वृद्धि की जाए। पीठ ने आदेश दिया कि बड़ी पूजा के लिए पंडाल के मौजूद अंदर रहने वालों की संख्या 25 से बढ़ाकर 60 की जा सकती है, लेकिन छोटी के लिए इसकी संख्या 15 बरकरार रखा गया है।
  

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