Tough road to complete vaccination in India भारत में पूर्ण टीकाकरण की कठिन डगर, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsTough road to complete vaccination in India

भारत में पूर्ण टीकाकरण की कठिन डगर

100 करोड़ टीके देने का जश्न मनाने के बाद भारत अब पूर्ण टीकाकरण की असलियत का सामना कर रहा है. अधिकांश लोगों को टीका लगाने के लिए नई रणनीतियों पर काम शुरू किया जा रहा है.भारत सरकार ने कुछ ही दिनों पहले...

डॉयचे वेले दिल्लीWed, 3 Nov 2021 04:30 PM
share Share
Follow Us on
भारत में पूर्ण टीकाकरण की कठिन डगर

100 करोड़ टीके देने का जश्न मनाने के बाद भारत अब पूर्ण टीकाकरण की असलियत का सामना कर रहा है. अधिकांश लोगों को टीका लगाने के लिए नई रणनीतियों पर काम शुरू किया जा रहा है.भारत सरकार ने कुछ ही दिनों पहले 100 करोड़ टीके देने का जश्न मनाया था, लेकिन सरकार ने अब जा कर इस हकीकत को माना है कि स्थिति अभी भी काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष बैठक में इस चुनौती को रेखांकित किया है और सभी राज्यों को टीकाकरण कार्यक्रम को अगले चरण में ले जाने के लिए कहा है.दरसअल जिन 100 करोड़ टीकों का जश्न मनाया गया था, उनमें से अधिकांश टीके सिर्फ पहली खुराक के हैं. अनुमान है कि टीका लेने के योग्य कुल आबादी में से सिर्फ 30-35 प्रतिशत लोगों को दोनों टीके लगे हैं. यह संख्या भी कुछ ही राज्यों में ज्यादा है और अधिकतर में कम.

सिर्फ पांच राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा योग्य लोगों को दोनों टीके दिए जा चुके हैं.अभी दिल्ली दूर हैराष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी अभी तक 50 प्रतिशत के इस मील के पत्थर को हासिल नहीं कर पाई है. और तो और, देश में 48 जिले ऐसे भी हैं जहां पहला टीका भी अभी तक 50 प्रतिशत से कम लोगों को लगा है. प्रधानमंत्री ने एक विशेष बैठक में उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों से बात की जहां टीकाकरण की दर अभी भी 50 प्रतिशत से नीचे है.उन्होंने कहा कि 100 करोड़ का आंकड़ा हासिल करने के बाद "अगर हम ढीले पड़ गए तो एक नया संकट आ सकता है" उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम की गति बढ़ाने के लिए नई रणनीतियों पर काम करने की जरूरत है. संभव है कि आने वाले दिनों में टीकाकरण कार्यक्रम में एक बड़ा बदलाव आए.

कई राज्य लंबे समय से कार्यक्रम को लोगों के घरों तक ले जाने की केंद्र से अनुमति मांग रहे थे. प्रधानमंत्री ने इस बैठक में सैद्धांतिक रूप से इसकी अनुमति दे दी. उन्होंने कहा, "अभी तक अब लोगों को टीकाकरण केंद्र तक ले जाने पर काम कर रहे थे, अब समय आ गया है कि टीके को घर घर ले जाया जाए"संसाधनों की चुनौतीउन्होंने राज्यों से कहा कि अगर वो चाहें तो इसके लिए वो एनसीसी और एनएसएस की मदद भी ले सकते हैं. उन्होंने हाल ही में वैटिकन में पोप फ्रांसिस से हुई अपनी मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि टीकाकरण को आगे ले जाने में धार्मिक नेताओं की भी एक बड़ी भूमिका है और इस पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए.इसके अलावा समस्या संसाधनों की भी है. भारत को 100 करोड़ टीके लगाने में 278 दिन लगे, जिसका मतलब है देश में एक दिन में औसत 36 लाख टीके लगाए गए.

कुछ दिनों में यह आंकड़ा इससे भी ऊपर था लेकिन अधिकांश दिनों में यह इससे कम ही था.कुछ विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि अगर भारत टीके के लिए योग्य सभी नागरिकों को 2021 के अंत तक दोनों टीके लगा देना चाहता है तो एक दिन में कम से कम 1.2 करोड़ टीके देने होंगे. इसका मतलब है टीकों की सप्लाई को भी बढ़ाना होगा और उन्हें देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या को भी. कुल मिला कर भारत के लिए आगे का रास्ता काफी चुनौतीपूर्ण है..

इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।