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स्वतंत्रता से अगस्त, 2019 तक 35,136 जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया

देश में सितंबर 2018 से लेकर इस साल अगस्त तक अर्धसैनिक बलों के 292 जवानों ने शहादत दी है। आतंकवाद रोधी और अन्य अभियानों के दौरान उनकी जान चली गई। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है। शहीद...

स्वतंत्रता से अगस्त, 2019 तक 35,136 जवानों ने देश के लिए बलिदान दिया
एजेंसी। ,नागपुर।Mon, 21 Oct 2019 12:21 AM
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देश में सितंबर 2018 से लेकर इस साल अगस्त तक अर्धसैनिक बलों के 292 जवानों ने शहादत दी है। आतंकवाद रोधी और अन्य अभियानों के दौरान उनकी जान चली गई। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है। शहीद पुलिसकर्मियों के नाम सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के दौरान पढ़े जाएंगे। स्वतंत्रता से लेकर इस साल अगस्त तक 35,136 अर्धसैनिक बलों के जवान ने अपना बलिदान दिया है। सितंबर 2018 से अगस्त, 2019 तक शहीद होने वाले राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की संख्या सबसे अधिक 67 है। 

इनमें सीआरपीएफ के वे 40 जवान भी शामिल हैं, जो इस साल 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। विभिन्न पुलिस बलों और संगठनों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए आधिकारिक बयान में कहा गया कि एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के 41, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 23, जम्मू-कश्मीर पुलिस के 24 कर्मी और महाराष्ट्र पुलिस के 20 कर्मियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें से 15 इस साल मई में गढ़चिरौली में माओवादियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए थे।

इन राज्यों के शहीद पुलिसकर्मी भी सूची में शामिल 
इस एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में छत्तीसगढ़ पुलिस के 14, कर्नाटक पुलिस के 12, रेलवे रक्षा बल (आरपीएफ) के 11, दिल्ली पुलिस के 10, राजस्थान पुलिस के 10, बिहार पुलिस के सात और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) के छह कर्मी शामिल हैं। इनके अलावा झारखंड, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा के पुलिस बलों तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय अपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा असम राइफल्स के कर्मियों का नाम भी शहीद होने वालों की सूची में है।

नक्सलवाद और आतंकवाद के चलते गई जान      
आंकड़ों के अनुसार अर्धसैनिक बलों के शहीद होने वाले जवानों में से ज्यादातर की जान नक्सलवाद और सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद के चलते गई। वहीं, राज्य पुलिस बलों के कर्मियों की जान नक्सलियों, आतंकवादियों, शराब और बालू माफिया से निपटने तथा कानून व्यवस्था से जुड़े अन्य दायित्वों को निभाते समय गई। पुलिस स्मृति दिवस 1959 में चीनी सैनिकों की गोलीबारी में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।

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