अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए बना ये नया नियम
सरकार ने रेत खनन रूपरेखा आज जारी की ताकि राज्यों को रेत खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों से निपटने में मदद की जा सके। यह रूपरेखा सभी भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा में तैयार की गई है। केंद्रीय खान...
सरकार ने रेत खनन रूपरेखा आज जारी की ताकि राज्यों को रेत खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों से निपटने में मदद की जा सके। यह रूपरेखा सभी भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा में तैयार की गई है।
केंद्रीय खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यहां खदानों और खनिजों पर आयोजित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में रेत खनन रूपरेखा जारी की। सरकार को उम्मीद है कि इससे मांग- आपूर्ति अंतर तथा अवैध खनन जैसे मुद्दों से निपटा जा सकेगा। तोमर ने कहा, 'एक रेत खनन रूपरेखा तैयार की गई। इसे राज्य सरकार के अधिकारियों व अन्य भागीदारों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है।
इस रूपरेखा में दिए सुझावों से राज्यों को एक खाका( रोडमैप) उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपनी- अपनी नीतियां तैयार करने और रेत के अवैध खनन की रोकथाम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आवास, बुनियादी ढांचे तथा निर्माण गतिविधियों में रेत प्रमुख तत्व है। तोमर ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की जटिलता को कम करने और खनिज ब्लॉकों की त्वरित नीलामी में राज्यों की मदद करने के लिए खान मंत्रालय ने नवम्बर 2017 में खनिज नीलामी नियम 2015 में संशोधन किए।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन से नीलामी में काफी सहूलियत हुई है। संशोधन के बाद तीन महीनों के भीतर ही 41 खनिज ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है, जो एक रिकॉर्ड है। वहीं, दूसरी ओर इससे पहले अप्रैल से नवम्बर 2017 तक के 8 महीनों की अवधि में 27 ब्लॉकों की नीलामी की गई थी। इस अवसर पर तोमर ने माइनिंग टेनमेंट सिस्टम( एमटीएस) के प्रथम चरण के पंजीकरण तथा रिटर्न मॉडयूल के साथ प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना( पीएमकेकेकेवाई) की निगरानी के लिए पोर्टल भी शुरू किया।
सरकारी बयान के अनुसार एमटीएस से देश में उत्पादित होने वाले समस्त खनिजों का राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण लेखांकन करने में मदद मिलेगी। इस तरह का लेखांकन खदान के मुहाने से लेकर खनिज के अंतिम उपयोग तक संभव होगा, जिससे अवैध खनन की गुंजाइश कम हो जाएगी। खान सचिव अरुण कुमार ने कहा कि इस रूपरेखा का उद्देश्य राज्यों को इस मामले में श्रेष्ठ संभव विकल्प अपनाने में मदद करना है।