कैंसिल हुई ट्रेन तो बसों से दिल्ली आ रहे TMC कार्यकर्ता, भाजपा शासित UP से होकर गुजरेगा काफिला; ड्राइवरों को टेंशन
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी तीन अक्टूबर के निर्धारित विरोध प्रदर्शन के लिए अपने समर्थकों को दिल्ली ले जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।

केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा धनराशि कथित तौर पर रोके जाने के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बड़ी योजना बनाई है। TMC विरोध प्रदर्शन के लिए करीब पांच हजार मनरेगा कार्डधारकों को दिल्ली ले जाएगी। इसके लिए विशेष बसों की व्यवस्था की गई है। पार्टी के एक नेता ने शनिवार को यह जानकारी दी। दरअसल जिस स्पेशल ट्रेन से वे दिल्ली आने की उम्मीद कर रहे थे वह रद्द कर दी गई है।
2 अक्टूबर का है प्रोग्राम, लेकिन कैसे होगा संभव?
अब बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मनरेगा जॉब कार्ड धारक बसों से दिल्ली जाएंगे। इस दौरान ये लोग भाजपा शासित उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेंगे। असली योजना के अनुसार, टीएमसी का विरोध प्रदर्शन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर राजघाट से शुरू होना था और कृषि भवन तक जाना था, जहां ग्रामीण विकास मंत्रालय स्थित है। यह मंत्रालय मनरेगा को कंट्रोल करता है। अब, प्रदर्शनकारियों को ले जाने वाली बसें शनिवार तक भी रवाना नहीं हो पाई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि वे कब तक पहुंचेंगे।
कोलकाता से दिल्ली तक की यात्रा सड़क मार्ग से 1,500 किमी से भी लंबी है। लगभग 2,500 लोगों के कारवां को ले जाने के लिए टीएमसी द्वारा जल्दबाजी में 50 निजी बसों की व्यवस्था की गई। बसों से दूरी तय करने में कम से कम ढाई दिन लगेंगे। इसका मतलब यह है कि केवल सांसद, मंत्री और टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव और नंबर 2 अभिषेक बनर्जी सहित शीर्ष नेता ही गांधी जयंती पर राजघाट जा सकते हैं। ये नेता राजधानी ट्रेन और फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को सौंपेंगे ज्ञापन
अगले दिन, जब अन्य लोग पहुंचेंगे, तो टीएमसी को जंतर-मंतर पर एक भव्य विरोध प्रदर्शन करने की उम्मीद है। जबकि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मिलेगा। शनिवार की सुबह तक, कोलकाता का नेताजी इंडोर स्टेडियम गुलजार था। यहां यात्रा के लिए चुने गए लोग इकट्ठे हुए थे। उन्होंने ट्रेन पकड़ने की प्रत्याशा में शुक्रवार को इकट्ठा होना शुरू कर दिया था। टीएमसी द्वारा किराए पर ली गई निजी बसों में से पहली सुबह 9.30 बजे पहुंची, दूसरी सुबह 11.30 बजे पहुंची।
क्या है राजनीतिक पेंच?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले आने वाली बस के 62 वर्षीय ड्राइवर मदन शॉ कोलकाता-दिल्ली रूट के अनुभवी हैं। सहायक पलाश धारिका (26) के साथ बस के पास इंतजार करते हुए शॉ ने अनुमान लगाया कि यात्रा में 60 घंटे से कम समय नहीं लगेगा। मदन शॉ उत्तर 24 परगना के बारासात के एक टूरिस्ट बस ड्राइवर हैं। लेकिन उन्हें इस यात्रा में राजनीतिक पेंच दिखाई दे रहा है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा, "मैं अन्य राज्यों, विशेषकर भाजपा शासित राज्यों की पुलिस से प्रार्थना करता हूं कि वे हमारे लिए परेशानी पैदा न करें।" उन्होंने मजाक में कहा, "वहां की पुलिस के पास लंबी लाठियां हैं।" ड्राइवरों ने कहा कि उन्हें अभी तक सटीक कार्यक्रम नहीं मिला है, लेकिन उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड और बिहार मार्ग पर भी पड़ेंगे। शॉ ने कहा, "मुझे बताया गया है कि मुझे जल्द ही दिल्ली के लिए तीन राज्यों का परमिट मिल जाएगा।"
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी तीन अक्टूबर के निर्धारित विरोध प्रदर्शन के लिए अपने समर्थकों को दिल्ली ले जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विशेष ट्रेन के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद बाधाएं उत्पन्न करने का आरोप लगाया। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "चूंकि हमें एक विशेष ट्रेन से वंचित कर दिया गया था, इसलिए हमने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को दिल्ली ले जाने के लिए विशेष बसों की वैकल्पिक व्यवस्था की है। चूंकि, बसें भाजपा शासित राज्यों से होकर गुजरेंगी, इसलिए हम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा कार्डधारकों के लिए पायलट कारों की भी व्यवस्था कर रहे हैं।"