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मॉब लिंचिंग पर 49 हस्तियों ने मोदी को लिखा पत्र तो नुसरत जहां ने भी ट्वीट कर कही यह बात

देश में बढ़ती ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाओं के बाद फिल्मकार श्याम बेनेगल और निर्देशक अनुराग कश्यप सहित 49 नामी हस्तियों ने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को...

मॉब लिंचिंग पर 49 हस्तियों ने मोदी को लिखा पत्र तो नुसरत जहां ने भी ट्वीट कर कही यह बात
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 25 Jul 2019 05:49 AM
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देश में बढ़ती ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाओं के बाद फिल्मकार श्याम बेनेगल और निर्देशक अनुराग कश्यप सहित 49 नामी हस्तियों ने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी 49 हस्तियों वाली चिट्ठी पर कई नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। इसी बीच टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। सांसद बनने के बाद से ही मीडिया की सुर्खियों में रहने वालीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने भी ट्वीट कर इस मामले पर अपनी राय रखी है। नुसरत जहां ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक पत्र ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, "आज जहां हर कोई सड़क, बिजली, विमानन जैसे मुद्दों पर बात कर रहा है, मुझे खुशी है कि हमारी सोसाइटी ने एक बहुत बुनियादी मुद्दा उठाया है, "इंसान की जिंदगी।"

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बता दें कि देश में बढ़ती ‘भीड़ हिंसा’ की घटनाओं से चिंतित फिल्मकार श्याम बेनेगल और निर्देशक अनुराग कश्यप सहित 49 नामी हस्तियों ने प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र लिखा है। कहा गया है कि ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष भड़काऊ नारा बनता जा रहा है। साथ ही राम का नाम बदनाम होने से रोकने की बात कही गई।

नुसरत जहां ने अपने पत्र में लिखा है, 'मुझे हमारे नागरिकों से बहुत उम्मीद है कि वह अपनी आवाज उठाएंगे और इस पर कम से कम अपना योगदान देंगे। हेट क्राइम और मॉब लिंचिंग की घटनाएं हमारे देश में बढ़ती जा रही हैं। साल 2014 से लेकर 2019 के बीच में ये घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं और इसमें दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है। 2019 से लेकर अब तक 11 हेट क्राइम्स और 4 हत्याएं हो चुकी हैं और ये सारे दलित और माइनॉरिटी थे।'

उन्होंने आगे लिखा, ' गोरक्षा और बीफ खाने की अफवाह पर नागरिकों पर हमले की कई घनटाएं आ चुकी हैं। सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता हमें चिंतिंत करती है।' नुसरत जहां ने अपने इस पत्र में पहलू खान, तबरेज और अन्य पीड़ितों के नाम का उल्लेख किया है, जो कहीं न कहीं मॉब लिंचिंग के शिकार हुए हैं। 

नुसरता जहां ने अपने पत्र में आगे लिखा- भगवान राम के नाम पर हत्याएं की जा रही हैं. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामले रोकने का आदेश दे चुका है मगर सरकार खामोश है. नुसरत जहां ने आगे लिखा कि मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि मॉब लिंचर्स द्वारा लोकतंत्र पर हमले को रोकने के लिए कानून बनाए।'नुसरत जहां ने अपने पत्र के आखिरी में इकबाल की रचना "सारे जहां से अच्छा" की कुछ लाइनें लिखी हैं। मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा।

गौरतलब है कि देश में धार्मिक पहचान के कारण घृणा अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए प्रबुद्ध नागरिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुले पत्र में कहा है कि ''जय श्री राम का उद्घोष भड़काऊ नारा बनता जा रहा है और इसके नाम पर पीट-पीट कर हत्या के कई मामले हो चुके हैं। फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन और अपर्णा सेन, गायिका शुभा मुद्गल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा, समाजशास्त्री आशीष नंदी सहित 49 नामी शख्सियतों ने 23 जुलाई को यह पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि ''असहमति के बिना लोकतंत्र नहीं होता है। पत्र में कहा गया है, ''हम शांतिप्रिय और स्वाभिमानी भारतीय के रूप में, अपने प्यारे देश में हाल के दिनों में घटी कई दुखद घटनाओं से चिंतित हैं।

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