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वायु प्रदूषण में 70 फीसदी कमी लाने के लिए केन्द्र सरकार देशभर में लागू करेगी ये योजना

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए सरकार ने हाइड्रोजन कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (एचसीएनजी) को देशभर में लागू करने का फैसला किया है। एचसीएनजी से 70 फीसदी वायु प्रदूषण कम होगा,...

 वायु प्रदूषण में 70 फीसदी कमी लाने के लिए केन्द्र सरकार देशभर में लागू करेगी ये योजना
अरविंद सिंह,नई दिल्लीFri, 24 Jul 2020 12:33 PM
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ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए सरकार ने हाइड्रोजन कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (एचसीएनजी) को देशभर में लागू करने का फैसला किया है। एचसीएनजी से 70 फीसदी वायु प्रदूषण कम होगा, इंजन की क्षमता बढ़ेगी, माइलेज अधिक मिलेगा और एक बार टैंक फुल कराने पर अधिक दूरी तय हो सकेगी। एचसीएनजी को भविष्य के ईंधन के रूप में देखा जा रहा है।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत सुझाव-आपत्ति के लिए 20 जुलाई को मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें उल्लेख है कि ग्रीन एनर्जी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआर्ईएस) के 24 व  28 के तहत मानकों का पालन करना होगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ग्रीन एनर्जी सीएनजी, बॉयो-सीएनजी, एचसीएनजी को लेकर पहले ही मानक बना चुका है। विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार देशभर में एचसीएनजी लागू करने की तैयारी कर रही है। दिल्ली में एचसीएनजी से बसों को चलाने का सफल ट्रॉयल हो चुका है।

कार के इंजन की क्षमता बढ़ेगी
गत वर्ष विशेषज्ञों की समिति ने सीएनजी में 18 फीसदी हाइड्रोजन मिलने का सुझाव दिया था, क्योंकि सिर्फ हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में प्रयोग करना काफी महंगा साबित होता। वहीं इसके लिए कार के इंजन को उच्चस्तरीय बनाने में निर्माता कंपनियों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता। एचसीएनजी सामान्य सीएनजी से महज दो या तीन रुपये महंगी होगी, वहीं कार के इंजन में कोई खास बदलाव नहीं करना होगा। खास बात यह है कि एचसीएनजी से 70 फीदसी तक वायु प्रदूषण कम होगा। कार के इंजन की क्षमता बढ़ेगी। एक बार एचसीएनजी से टैंक फुल कराने पर कार 600 से 800 किलोमीटर जा सकेगी।

पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम होगी
जानकारों का कहना है कि ग्रीन एनर्जी की दिशा में अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, दक्षिण कोरिया आदि देश आगे बढ़ रहे हैं। विकसित देशों में हाइड्रोजन को बतौर ईंधन प्रयोग में लाने के लिए ट्रॉयल हो रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी देश ने इसे ईंधन के रूप में अपनाया नहीं है। भारत भी पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता को कम करने के लिए सीएनजी, एचसीएनजी, एलपीजी, बॉयो फ्यूल आदि को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के विकल्प पर जोर दे रहा है।

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