Hindi Newsदेश न्यूज़This is Why Kashmiri Pandit staff suspend agitation of 310 days for relocation from Valley - India Hindi News

310 दिन बाद हड़ताल स्थगित करने को 'मजबूर' हुए कश्मीरी पंडित, बोले- हमारा वेतन रोक लिया गया

पिछले साल मई में, आतंकवादियों द्वारा अपने सहयोगियों राहुल भट और रजनी बाला की हत्या के बाद कई लोग केंद्र शासित प्रदेश के कश्मीर प्रभाग से जम्मू चले गए थे। भट की उनके कार्यालय के हत्या कर दी गई थी।

Amit Kumar एजेंसियां, श्रीनगरSat, 4 March 2023 02:23 PM
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प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत विभिन्न सरकारी विभागों में काम करने वाले कश्मीरी पंडितों ने 310 दिन बाद अपना धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया। ये कश्मीरी पंडित आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं के मद्देनजर कश्मीर घाटी के बाहर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे थे। पंडितों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस भरोसा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि वे ‘आत्मसमर्पण’ कर रहे हैं क्योंकि अधिकारियों ने उनका वेतन ‘रोक’ दिया है।

ऑल माइग्रेंट (डिस्पलेज्ड) एम्पलाइज एसोसिएशन (एएमईएके) से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने न तो हमारी मांगों को स्वीकार किया है और न ही खारिज किया है, लेकिन विरोध प्रदर्शन को स्थगित करना पड़ा क्योंकि वेतन रोकने से “हम आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं”।

पिछले साल मई में, आतंकवादियों द्वारा अपने सहयोगियों राहुल भट और रजनी बाला की हत्या के बाद कई लोग केंद्र शासित प्रदेश के कश्मीर प्रभाग से जम्मू चले गए थे। भट की 12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम में उसके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि एक स्कूल शिक्षक बाला की पिछले साल 31 मई को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

कर्मचारियों ने कहा कि एएमईएके की कोर समिति कश्मीर घाटी में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर निर्णय लेने के लिए बैठक करेगी। एएमईएके के वरिष्ठ सदस्य रूबन सप्रू ने संवाददाताओं से कहा, “हमने सर्वसम्मति से चल रहे आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है और सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। हमने स्थानांतरण के लिए अपनी मांग पेश की है लेकिन सरकार ने न तो हमारी मांग को स्वीकार किया और न ही अस्वीकार किया।”
 

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