सरकारी नौकरियों के लिए हायरिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं, बवाल के बाद वित्त मंत्राल की सफाई
नई सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध की खबरों को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से सफाई जारी की गई है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने के लिए कोई पाबंदी नहीं...
नई सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध की खबरों को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से सफाई जारी की गई है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने के लिए कोई पाबंदी नहीं है।
यूपीएससी, कर्मचारी चयन आयोग, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियां पहले की ही तरह भर्तियों को जारी रखेंगी। इसके साथ-साथ वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 4 सितंबर 2020 को जारी मंत्रालय के व्यय परिपत्र पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है। यह किसी भी तरह से भर्ती को होने से न तो रोकता है और न ही उसे रद्द करता है।
CLARIFICATION:
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 5, 2020
There is no restriction or ban on filling up of posts in Govt of India . Normal recruitments through govt agencies like Staff Selection Commission, UPSC, Rlwy Recruitment Board, etc will continue as usual without any curbs. (1/2) pic.twitter.com/paQfrNzVo5
वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने बेरोजगारी कम करने के उपाय करने की बजाय सरकारी नौकरियों में नई भर्ती पर रोक लगाने का सकुर्लर निकाला है और इसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग की थी। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने शनिवार को यहा पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार ने कल एक सकुर्लर जारी कर नया सरकारी पद सृजित करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही मौजूदा खाली पदों को भरने और यहां तक कि सलाहकार नियुक्त करने पर भी रोक लगा दी है।
देश की आर्थिक हालत बहुत खराब बताते हुए उन्होंने कहा कि 45 साल में पहली बार जीडीपी में इतनी गिरावट आई है कि वह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। इससे देश मे आर्थिक संकट बहुत गहरा गया है और अब इससे उबरने के लिए एक कदम आगे बढ़कर आने की बजाय सरकार यह सकुर्लर लायी है जिसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।