स्मार्ट सिटी मिशन के दूसरे चरण का कोई प्रस्ताव नहीं, लोकसभा में मंत्री का खुलासा
लोकसभा में शहरी विकास मंत्री तोखन साहू ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन का दूसरा चरण शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह घोषणा संसदीय रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें दूसरे चरण की सिफारिश की गई थी।
केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के राज्य मंत्री तोखन साहू ने गुरुवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की प्रमुख स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) का दूसरा संस्करण लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जवाब कांग्रेस सांसद एस. जोथिमणि द्वारा पूछे गए सवाल पर दिया गया। हालांकि, फरवरी में संसद के दोनों सदनों में पेश की गई एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में स्मार्ट सिटी मिशन के दूसरे चरण की सिफारिश की गई थी। आवास और शहरी कार्य स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि मिशन का विस्तार दूसरे स्तर के शहरों तक किया जाना चाहिए ताकि राज्य की राजधानियों को भीड़भाड़ से मुक्त किया जा सके। समिति ने सुझाव दिया कि ये शहर राजधानी और पर्यटन स्थलों के 50-100 किमी के भीतर स्थित होने चाहिए।
साहू का यह बयान तब आया जब इस महीने की शुरुआत में एनडीए सरकार की तरफ से सुझाव आया था कि स्मार्ट सिटी मिशन को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया ताकि शेष परियोजनाओं को पूरा किया जा सके। सरकार ने तब कहा था कि यह विस्तार कई राज्य सरकारों और स्थानीय शहरी निकायों के अनुरोध के आधार पर किया गया था। इसके साथ ही मिशन की समय सीमा तीसरी बार बढ़ाई गई।
स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य टिकाऊ और समावेशी शहरों को बढ़ावा देना है जो मुख्य बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं और अपने नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता का जीवन, स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण और 'स्मार्ट' समाधान प्रदान करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि पूरे मिशन के लिए सरकार ने 100 शहरों के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसमें से 46,585 करोड़ रुपये (97%) शहरों को जारी किए जा चुके हैं।
गुरुवार को लोकसभा में स्मार्ट सिटी मिशन पर एक संबंधित सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि 12 जुलाई तक, 8,016 परियोजनाओं को क्रियान्वयन के लिए टेंडर किया गया है, जिनकी कुल लागत 1,64,223 करोड़ रुपये है, और उनमें से 7,218 परियोजनाएं (90%) पूरी हो चुकी हैं, जिनकी कुल लागत 1,45,083 करोड़ रुपये है। उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में सबसे अधिक परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं, जिनकी संख्या क्रमशः 63 और 57 है। इनके बाद पंजाब (39), पुडुचेरी (36), तमिलनाडु (27) और राजस्थान (21) का स्थान है।
सरकार ने कहा है कि स्मार्ट सिटी मिशन ने शहरी शासन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी और डिजिटल समाधानों के कई नवाचारी प्रयोग किए हैं। मंत्रालय के थिंक टैंक एनआईयूए द्वारा जारी इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट (आईआईआर) 2023 में बताया गया कि मिशन ने भारतीय शहरों को वैश्विक उत्तरी शहरों के समान स्तर पर "स्मार्ट" बनाने का वादा किया था, लेकिन स्मार्ट सिटी मिशन ने मुख्य रूप से पानी की आपूर्ति, गतिशीलता और अन्य मौजूदा नगरपालिका कार्यों के मौजूदा बुनियादी ढांचे की पारंपरिक परियोजनाओं को ही अपनाया। यहां तक कि आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में भी बताया गया कि एक बड़ा हिस्सा कचरा, स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में खर्च किया गया।
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