'रूस और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर भारत को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं'
भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरुवार को कहा कि भारत-रूस रक्षा सौदों में अमेरिकी प्रतिबंध बाधक नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस तेज गति वाले छोटे युद्धपोत और कलाश्निकोव राइफल पर जल्द...
भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरुवार को कहा कि भारत-रूस रक्षा सौदों में अमेरिकी प्रतिबंध बाधक नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस तेज गति वाले छोटे युद्धपोत और कलाश्निकोव राइफल पर जल्द ही समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
कुदाशेव ने हाल में हुए एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली समझौते को भारत-रूस के बीच इतिहास में सबसे बड़ा समझौता बताया। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच हुए सबसे तेज समझौतों में से एक था और वहां कोई लंबी बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि चार से पांच अक्टूबर तक हुई राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और इस समझौते का कार्यान्वयन 2020 में शुरू होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह कहना ठीक होगा कि प्रतिबंध कानून के जरिए अमेरिकी विरोधियों से निपटने संबंधित कानून (काट्सा) से भविष्य में होने वाले रक्षा समझौतों के लिए भारत और रूस पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा, कुदाशेव ने दृढ़ता के साथ कहा, हां।
भारत के साथ संबंध रणनीतिक
कुदाशेव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस के संबंध रणनीतिक और दीर्घकालिक है। कुदाशेव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ उनके देश के संबंध का उद्देश्य पाकिस्तान में स्थिरता को सुनिश्चित करना, क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग करना और आतंकवाद से मुकाबला करना है।
पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास पर उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद-निरोधक अभ्यास था और इसके बहुत अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में पाकिस्तान के साथ हमारा सैन्य और रणनीतिक सहयोग लगभग शून्य है।
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