धोखेबाज दूल्हों के खिलाफ जंग सोशल मीडिया से सुप्रीम कोर्ट पहुंची
शादी कर विदेश भाग जाने वाले एनआरआई पतियों को सबक सिखाने के लिए देश के अलग अलग राज्यों की आठ महिलाओं ने बड़ी जंग छेड़ी है। ये महिलाएं सोशल मीडिया के जरिये एकजुट हुईं और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं।...
शादी कर विदेश भाग जाने वाले एनआरआई पतियों को सबक सिखाने के लिए देश के अलग अलग राज्यों की आठ महिलाओं ने बड़ी जंग छेड़ी है। ये महिलाएं सोशल मीडिया के जरिये एकजुट हुईं और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। इनकी याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
इन महिलाओं की मांग है कि विदेश में रह रहे पतियों का पासपोर्ट रद्द किया जाए और संपत्ति जब्त हो। दिल्ली की स्मिता कुदेसिया ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले ट्विटर पर अपनी कहानी साझा की। इसके बाद पीड़ित महिलाएं जुड़ती चली गईं।
नहीं मिलता जवाब
स्मिता ने बताया कि विदेश भागने के बाद पति ने सारे संबंध तोड़ लिए। मोबाइल-सोशल मीडिया एकाउंट ब्लाक कर दिया। कानूनी लड़ाई लड़ना इसलिए मुश्किल है क्योंकि पुलिस इसे दहेज उत्पीड़न का मामला बताकर टरका देती है। व्हाट्सएप-ईमेल से नोटिस जाता है पर उन्हें फर्क नहीं पड़ता।
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विदेश मंत्री को भी दुखड़ा सुनाया
स्मिता ने बताया कि जनवरी 2018 में उन्होंने और ऋतु ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को ट्विटर पर अपनी कहानी बताकर मदद मांगी। यहीं से इस समूह की नींव पड़ी। फिर एक दूसरे से मैसेंजर पर बात हुई और एक बड़ी जंग की तैयारी हो गई। याचिका दाखिल करने वाली दो महिलाएं दिल्ली की हैं। जबकि अन्य छह हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और असम की रहने वाली हैं।
विशेष कानून की मांग
महिलाओं ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ से मांग की कि उनके पतियों को भारत लाया जाए। इस बारे में सरकार को विशेष कानून बनाने का निर्देश दिया जाए क्योंकि ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
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मुहिम का हिस्सा बनें
मंच की संयोजक स्मिता का कहना है कि पीड़ित महिलाएं उनसे ट्विटर पर sk2018@smitakudaisya पर संपर्क कर सकती हैं। फेसबुक पर NRI marriage fraud victim के नाम से पेज भी संपर्क कर सकती है।