राजस्थान के राज्यपाल बोले- संविधान मेरे लिए सर्वोच्च, कहीं कोई दबाव नहीं
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक और विधानसभा सत्र बुलाने में देरी को लेकर गहलोत सरकार की तरफ से आलोचनाओं के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि उनके लिए संविधान सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर...
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक और विधानसभा सत्र बुलाने में देरी को लेकर गहलोत सरकार की तरफ से आलोचनाओं के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि उनके लिए संविधान सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।
14 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू करने की मंजूरी देने वाले कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार से कहा कि उसे कोरोना वायरस की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी संभावित कदमों को उठना चाहिए और काम में तेजी लाना चाहिए।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर अशोक गहलोत सरकार और राज्यपाल में ठनी हुई थी। एक तरफ अशोक गहलोत जहां जल्द से जल्द सत्र बुलाना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने पहले 27 जुलाई और उसके बाद 31 जुलाई से सत्र शुरू करने के लिए तीन बार अनुरोध भेजा था।
लेकिन, राजभवन से कुछ बिंदुओं से साथ 21 दिनों के अनिवार्य नोटिस की शर्त रखकर उसे लौटा दिया गया था। कांग्रेस पार्टी की तरफ से इसको लेकर लगातार राज्यपाल पर हमला बोला जा रहा था। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तो राज्यपाल पर यहां तक आरोप लगा दिया था कि वे केन्द्र में ‘मास्टर’ की आवाज पर काम कर रहे हैं।
राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों के बागी होने के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसे में गहलोत चाहते हैं कि विधानसभा सत्र में अपने बहुमत साबित कर दें, ताकि आगे कामकाज सुचारू तौर पर चल सके।
हालांकि, सचिन पालयट कैंप की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि अगर गहलोत विधायकों को होटल से फ्री करते हैं तो 10-15 विधायक उनके खेमे में आ जाएंगे।