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दावा : मस्तिष्क आघात से नष्ट स्नायु तंत्रिका दोबारा होगी क्रियाशील

मस्तिष्क आघात से नष्ट हुई स्नायु तंत्रिका फिर से क्रियाशील की जा सकती हैं। इसके लिए विशेष व्यायाम का विकास हुआ है। लकवा के मरीजों की जान डॉक्टर तो बचा लेते हैं, लेकिन उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान...

दावा : मस्तिष्क आघात से नष्ट स्नायु तंत्रिका दोबारा होगी क्रियाशील
निज संवाददाता,वाराणसीSun, 28 Apr 2019 05:32 AM
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मस्तिष्क आघात से नष्ट हुई स्नायु तंत्रिका फिर से क्रियाशील की जा सकती हैं। इसके लिए विशेष व्यायाम का विकास हुआ है। लकवा के मरीजों की जान डॉक्टर तो बचा लेते हैं, लेकिन उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। इससे देशभर में लकवा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसका सबसे दुखद पहलू अपंगता का जीवन है। यह कहना है वासा फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. राजुल वासा का। वे शनिवार को बीएचयू ट्रामा सेंटर के ऑडिटोरियम में आयोजित मस्तिष्क आघात की स्थिति तथा पुनर्वास विषय पर विशिष्ट व्याख्यान दे रही थीं। 

उन्होंने कहा कि शरीर के भीतर एक ऐसी खिड़की है जो मस्तिष्क में खुलती है। मांसपेशियों की क्रिया से इसका सीधा संबंध है। जब किसी को मस्तिष्क आघात होता है तो शरीर के एक तरफ का हिस्सा क्रियाशील नहीं रहता है। इस स्थिति से उबरने में व्यायाम का महत्व है। दावा किया कि उनके फाउंडेशन की ओर से विकसित किये व्यायाम से लकवा के मरीजों में क्रियाशीलता पैदा की जा सकती है। फाउन्डेशन की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अर्पिता राय ने कहा कि डॉ. राजुल ने स्नायुविक विज्ञान में मस्तिष्क मृत्यु की धारणा को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। डॉ. वासा ने उस अवधारणा की आधारशिला रखी है जिससे मरीजों का पुर्नवास संभव है। 

व्यायाम से सक्रिय होंगे अंग
डॉ. राजुल वसा ने कहा कि मस्तिष्क और शरीर पर व्यायाम का कितना दबाव दिया जाए कि खोई हुई ताकत पुन: प्राप्त की जा सके इसी को तय करना होता है। व्यायाम से निष्क्रियता दूर करने के लिए जूझना पड़ता है। मरीज को कम से कम चार से पांच घंटे व्यायाम करना होता है। एप्लाइड मोटर कंट्रोल वह विधि है जिससे निष्क्रीय अंगों को क्रियाशील बनाया जाता है। जब स्नायुतंत्र काम नहीं करता या कमजोर पड़ जाता है तो उसे दोबारा क्रियाशील बनाने के लिए उससे और काम लिया जाना चाहिए। बस यही काम व्यायाम के माध्यम से कराया जाता है। 

बीएचयू में खुलेगा वासा इम्पावरिंग सेंटर 
वासा फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वासा ने बीएचयू में वासा इम्पवरिंग सेंटर खोलने का प्रस्ताव दिया। कैंपस में इस सेंटर के माध्यम से लकवा के मरीजों को पुर्नवास में मदद करने के लिए व्यायाम सिखाया जाएगा। फाउंडेशन की ओर से फीनलैंड, यूएस, रशिया तथा तुर्की में वासा इम्पावरिंग सेंटर हैं। इन सेंटरों पर मरीजों की नि:शुल्क चिकित्सा की जाती है। वासा की चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर अर्पिता राय ने कहा कि बीएचयू से कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शीघ्र ही इस सेंटर को स्थापित किया जाएगा। 
 

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