ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशदूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने KCR, जानें राजनीतिक सफर

दूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने KCR, जानें राजनीतिक सफर

अलग तेलंगाना राज्य के दशकों पुराने एकमात्र स्वप्न को साकार करने के लिए बनी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की समय से पूर्व कराए गए विधानसभा चुनाव में मिले जबरदस्त पूर्ण बहुमत के बाद 64 वर्षीय...

दूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने KCR, जानें राजनीतिक सफर
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 14 Dec 2018 08:00 AM
ऐप पर पढ़ें

अलग तेलंगाना राज्य के दशकों पुराने एकमात्र स्वप्न को साकार करने के लिए बनी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की समय से पूर्व कराए गए विधानसभा चुनाव में मिले जबरदस्त पूर्ण बहुमत के बाद 64 वर्षीय चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने देश के सबसे नये राज्य का सबसे ऊंचे कद वाला नेता होने का अपना दावा बरकरार रखा है। गुरुवार, 13 दिसंबर 2018 को उन्होंने दूसरी बार और तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में तेलुगु भाषा में शपथ ली।

Telangana Election Results 2018: चला KCR का जादू, तेलंगाना में कांग्रेस-बीजेपी का सूपड़ा साफ

के. चंद्रशेखर राव का राजनीतिक सफर...

कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में लगभग गुमनामी में सियासी सफर की शुरूआत से तेलंगाना गौरव का चेहरा बनने तक के. चंद्रशेखर राव ने राजनीति की तेज लहरों पर बड़े सधे अंदाज में अपनी चुनावी नैया पार की है। उन्होंने कांग्रेस को झुकने पर मजबूर करके अलग तेलंगाना राज्य के गठन में सफलता भी हासिल की।

राज्य में KCR नाम से लोकप्रिय के. चंद्रशेखर राव ने युवा कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरूआत करने के बाद 1983 में तेलुगू देशम पार्टी का दामन थामा। वह पहले ही चुनाव में सिद्दीपेट सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार से हार गये। केसीआर 1985 में इस सीट पर चुनाव जीत गये और उसके बाद से उनका सफर सफलता के पथ पर आगे बढ़ता रहा।

वह एनटी रामाराव सरकार में मंत्री भी रहे। वह आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। अलग तेलंगाना राज्य का उनका सपना उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। 2001 में उन्होंने तेदेपा छोड़ दी और टीआरएस का गठन किया। उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया और 2004 के लोकसभा चुनाव उसके साथ गठबंधन में लड़े। कांग्रेस ने तेलंगाना को राज्य बनवाने का वादा किया था। बाद में कांग्रेस पर इस मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने गठबंधन छोड़ दिया। राव ने 2009 के लोकसभा चुनाव तेदेपा के साथ मिलकर लड़े।

Telangana Election Results 2018: तेलंगाना में चल गया KCR का दांव, जल्दी चुनाव कराने से मिला फायदा

विभिन्न राजनीतिक घटनाक्रम से गुजरते हुए राव ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया। तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नौ दिसंबर, 2009 को घोषणा की कि तेलंगाना के गठन के लिए कदम उठाये जाएंगे। इसके बाद राव ने 11 दिन तक चले अपने अनशन को समाप्त कर दिया। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार वह अलग तेलंगाना राज्य बनवाने में सफल रहे और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। खुद को मेडक जिले के चिंतामडाका गांव का किसान बताने वाले राव की संपत्ति पिछले करीब चार साल में 41 प्रतिशत बढ़कर 22.6 करोड़ रुपये पहुंच गयी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें