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TRS से BRS बनी केसीआर की पार्टी, 'अबकी बार-किसान सरकार' का नारा; 2024 से पहले कर्नाटक का रण भेदेंगे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया। उन्होंने मंच से

TRS से BRS बनी केसीआर की पार्टी, 'अबकी बार-किसान सरकार' का नारा; 2024 से पहले कर्नाटक का रण भेदेंगे
Gaurav Kalaश्रीनिवास राव, हिन्दुस्तान टाइम्स,हैदराबादSat, 10 Dec 2022 11:09 AM

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया। "अब की बार, किसान सरकार" के नारे को बुलंद करते हुए केसीआर ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी का मुख्य एजेंडा दलित और मजदूर वर्ग के अलावा किसानों का उत्थान होगा। कुछ समय पहले ही केसीआर बीआरएस का ऐलान कर चुके थे लेकिन, शुक्रवार को टीआरएस ऑफिशियली बीआरएस बन गई है। केसीआर ने इसके साथ ही कर्नाटक में जद-एस के साथ गठबंधन की घोषणा की और साथ में कर्नाटक चुनाव लड़ने की बात कही।

तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से 21 साल पहले गठित टीआरएस अब बीआरएस बन गई है। इसे ऐतिहासिक आवश्यकता बताते हुए मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजनीति में गुणात्मक परिवर्तन लाने के सभी प्रयास करेंगे। उन्होंने 'अबकी बार, किसान सरकार' का नारा बुलंद किया और कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में बीआरएस का मुख्य एजेंडा यही होगा। बीआरएस पार्टी दलित और मजदूर वर्ग के कल्याण के अलावा देश के किसान समुदाय के उत्थान पर अपना ध्यान केंद्रिय करेगी।

जद-एस के साथ कर्नाटक चुनाव कंफर्म
बीआरएस अध्यक्ष केसीआर ने घोषणा की कि नई पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन में कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, 'हम जद (एस) को पूरा समर्थन देंगे और उनके नेता एच डी कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास करेंगे। हम कर्नाटक चुनाव के दौरान तेलंगाना में लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताएंगे और लोगों का विश्वास जीतेंगे।'

केसीआर ने कहा कि बीआरएस के राष्ट्रीय प्रधान कार्यालय का उद्घाटन 14 दिसंबर को दिल्ली में होगा और वहां से पार्टी अपनी राष्ट्रीय राजनीतिक कार्य योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा, "अगले कुछ महीनों में, हम अपनी पार्टी की राष्ट्रीय गतिविधियों को तेज करेंगे।"

केसीआर ने गिनाई प्राथमिकताएं
केसीआर ने पार्टी  की प्राथमिकताएं भी गिनाईं। कहा कि नई कृषि नीति, नई जल नीति, नई बिजली नीति, नई आर्थिक नीति, नई पर्यावरण नीति, नए कमजोर वर्गों के उत्थान की नीति और नई महिला सशक्तिकरण प्रमुख रूप में शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीशों, प्रमुख अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और अन्य बुद्धिजीवियों के साथ विचार-विमर्श करके विभिन्न जनकल्याणकारी मुद्दों पर देशव्यापी अभियान चल रहा है।

दूरदराज के गांवों में 24 घंटे बिजली का वादा
केसीआर ने कहा, “अगर देशवासी हमें मौका देते हैं, तो बीआरएस देश के दूरदराज के गांवों में भी चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति कर सकता है और दलित बंधु योजना के तहत प्रति वर्ष 25 लाख दलित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकता है। हम एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत करेंगे जहां लोग असली विजेता होंगे।"

संविधान का सख्ती से पालन जरूरी
बीआरएस प्रमुख ने राष्ट्र की संघीय भावना की रक्षा करने और भारत के संविधान का सख्ती से पालन करते हुए सभी के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सिंचाई और पेयजल, बिजली और महिला सशक्तिकरण सहित अन्य को कवर करने वाली नई नीतियां बना रही है।

आलोचकों को जवाब
बीआरएस के राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश को लेकर विपक्षी दलों की आलोचनाओं को जवाब देते हुए केसीआर ने कहा कि पार्टी ने इसी तरह की आलोचनाओं को पार कर लिया है और युवा राज्य को दूसरों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में विकसित करने के अलावा तेलंगाना को हासिल किया है।

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