ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशयूपी में 300 फर्जी कंपनियों के जरिए पांच हजार करोड़ की टैक्स चोरी

यूपी में 300 फर्जी कंपनियों के जरिए पांच हजार करोड़ की टैक्स चोरी

प्रदेश को पांच हजार करोड़ रुपये जीएसटी की चोट पहुंचाने वाली लगभग 300 बोगस कंपनियों पर वाणिज्य कर विभाग का शिकंजा कस चुका है। विभाग ने इन बोगस कंपनियों की जांच के लिए इनवेस्टीगेशन मानीटरिंग सेल के...

यूपी में 300 फर्जी कंपनियों के जरिए पांच हजार करोड़ की टैक्स चोरी
राजीव शुक्ल,लखनऊ। Tue, 18 Dec 2018 02:51 AM
ऐप पर पढ़ें

प्रदेश को पांच हजार करोड़ रुपये जीएसटी की चोट पहुंचाने वाली लगभग 300 बोगस कंपनियों पर वाणिज्य कर विभाग का शिकंजा कस चुका है। विभाग ने इन बोगस कंपनियों की जांच के लिए इनवेस्टीगेशन मानीटरिंग सेल के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया है। 
इन्वेस्टीगेशन सेल ने इनमें से लगभग 150 बोगस कंपनियों की जांच में हजारों करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला पकड़ा है। इन बोगस कंपनियों को नोटिस भेजा जा रहा है। जिन कंपनियों का पता-ठिकाना नहीं मिल रहा है, उनसे खरीद-फरोख्त करने वाली कंपनियों से राजस्व वसूली की तैयारी की जा रही है। नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व चोरी पकड़ने में विभाग की यह बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। 

300 बोगस कंपनियां चिह्नित, जांच शुरू

बोगस कंपनियों ने प्रदेश के राजस्व को तगड़ी चोट पहुंचाई है। जीएसटी लागू होने के बाद इन बोगस कंपनियों के काले कारनामे धीरे-धीरे सामने आने शुरू हुए तो विभाग भी चौकन्ना हुआ। वाणिज्य कर कमिश्नर कामिनी चौहान रतन ने बताया कि जांच में बोगस कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के गठजोड़ का भी पता चला है। उन्होंने बताया कि एक-एक पैन नंबर या आधार कार्ड पर कई-कई बोगस कंपनियों को पंजीकृत कराया गया है। प्रदेश भर में ऐसी लगभग 300 बोगस कंपनियां चिह्नित की जा चुकी हैं। जिन ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां इनमें चिह्नित की गई हैं उनके नम्बर भी पोर्टल में डाल दिए गए हैं। उन पर विभागीय अधिकारी भी नजर रखे हुए हैं। 

पांच हजार करोड़ की चपत लगाई 

इन्वेस्टीगेशन मानीटरिंग सेल के एडिशनल कमिश्नर प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में पंजीकृत बोगस कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये के राजस्व की चोरी की है। इन बोगस कंपनियों को पकड़ने में विभाग को काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होंने बताया कि फेज एक में 40 बोगस कंपनियों की जांच की गई है, जिनमें लगभग 550 करोड़ रुपये का टर्न ओवर गलत तरीके पर पकड़ा जा चुका है। वहीं दूसरे फेज में भी लगभग 40 कंपनियों की जांच की जा रही है। इनमें भी 600-700 करोड़ रुपये राजस्व चोरी का मामला पकड़ने का अनुमान है। वहीं जिन कंपनियों ने प्रदेश से बाहर खरीद-फरोख्त की है, उनकी जांच बाद में की जाएगी और उनका लेखा-जोखा भी तभी पता चल पाएगा। मामले की जांच कर रहे विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगर पूरे प्रदेश में बोगस कंपनियों की जांच पूरी होने पर लगभग पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स चोरी का मामला सामने आ सकता है।  

टैक्स चोरी में यूपी पहले पायदान पर

इन्वेस्टीगेशन मानीटरिंग सेल ने पूरे देश में बोगस कंपनियों की धरपकड़ के लिए एक सर्च ऑपरेशन चला रहा है। अभी तक इस सर्च ऑपरेशन में जो 100 बोगस कंपनियां पकड़ी गई हैं, उनमें 59 कंपनियां ऐसी हैं जिनका पंजीकरण उत्तर प्रदेश में ही हुआ है। जो कंपनियां पकड़ी गई हैं उनमें ज्यादातर गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, गौतमबुद्धनगर और गोरखपुर में पंजीकृत हुई हैं। इसके बाद बोगस कंपनियों के पंजीकरण में दिल्ली का नंबर आता है। 

तीन महीने में कार्रवाई होगी पूरी

इन्वेस्टीगेशन मानीटरिंग सेल के एडिशनल कमिश्नर प्रदीप कुमार मानते हैं कि इन बोगस कंपनियों पर कार्रवाई में लंबा समय लगेगा। क्योंकि अगर इन कंपनियों का अस्तित्व मौके पर नहीं है तो इनसे खरीद-फरोख्त करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसा जाएगा। इन्हें राजस्व वसूली के दायरे में लाकर नोटिस या कुर्की जैसी कार्रवाई की जाएगी। इन सब प्रक्रिया को अपनाने में लगभग तीन महीने का समय लग जाएगा। 

बोगस कंपनियों की धरपकड़ का काम तेजी से किया जा रहा है। लगभग तीन सौ कंपनियों को चिह्नित किया जा चुका है, जिन्होंने हजारों करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। इनमें से कई कंपनियों पर 40 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। फर्जी कंपनियों का माल ढो रहे ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों को भी तलाशा गया है। जो पकड़े गए हैं उनके नम्बर पोर्टल में डाल दिए गए हैं। - (कामिनी चौहान रतन, कमिश्नर, वाणिज्य कर विभाग)

आधार डाटा चोरी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना, हैकिंग पर 10 साल की कैद

कैबिनेट की मुहरः मोबाइल और बैंक खाते आधार से जोड़े जा सकेंगे

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें