'नफरत भड़काने की मंशा...': राज्यपाल की बर्खास्तगी के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचा तमिलनाडु का सत्तारूढ़ गठबंधन
सत्तारूढ़ गठबंधन ने राज्यपाल से संबंधित कई मुद्दों को उठाया है जिसमें लंबित नीट विधेयक भी शामिल है। ज्ञापन में रवि पर सार्वजनिक रूप से खतरनाक, विभाजनकारी, धार्मिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया।

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तमिलनाडु के सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) के सांसदों ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपकर राज्यपाल आरएन रवि को ‘‘बर्खास्त’’ करने की मांग की। सांसदों ने कथित रूप से देशद्रोही और सांप्रदायिक बयानों और अपने कर्तव्यों में विफल रहने के लिए राज्यपाल को उनके पद से हटाने की मांग की। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यपाल से टकराव रहा है।
राष्ट्रपति कार्यालय को दो नवंबर, 2022 को भेजे ज्ञापन में सत्तारूढ़ गठबंधन ने राज्यपाल से संबंधित कई मुद्दों को उठाया है जिसमें लंबित नीट विधेयक भी शामिल है। ज्ञापन में रवि पर सार्वजनिक रूप से खतरनाक, विभाजनकारी, धार्मिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया और इसे राज्यपाल के लिए अशोभनीय बताया। ज्ञापन में कहा कि सभी कृत्य ‘‘राज्यपाल को शोभा नहीं देते हैं।’’ इस ज्ञापन पर एसपीए के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
सांसदों ने नौ पृष्ठों के ज्ञापन में कहा है, ‘‘स्पष्ट रूप से श्री आर एन रवि ने संविधान तथा कानून की रक्षा करने तथा स्वयं को सेवा तथा तमिलनाडु के लोगों की भलाई के लिए समर्पित करने के वास्ते अनुच्छेद 159 के तहत ली शपथ का उल्लंघन किया है।" उन्होंने आगे कहा, "वह (राज्यपाल) साम्प्रदायिक घृणा को भड़काते रहे हैं तथा राज्य की शांति के लिए खतरा हैं...अत: अपने आचरण तथा कृत्यों से आर एन रवि ने साबित किया है कि वह राज्यपाल के संवैधानिक पद के योग्य नहीं हैं तथा उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।’’