IAS कैडर नियमों में बदलाव का स्टालिन ने विरोध किया, बोले- यह देश की संघीय राजनीति पर हमला
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र की ओर से प्रस्तावित आईएएस कैडर नियमों में संशोधन का विरोध किया है। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि यह देश की संघीय...

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र की ओर से प्रस्तावित आईएएस कैडर नियमों में संशोधन का विरोध किया है। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि यह देश की संघीय राजनीति और राज्य की स्वायत्तता की जड़ पर प्रहार है। इस कदम को वापस खींच लिया जाए।
केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधनों के मसौदे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए स्टालिन ने इसका कड़ा विरोध किया। स्टालिन ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है, तो इससे संघ और राज्यों के बीच मौजूद सहकारी संघवाद की भावना को अपूरणीय क्षति होगी और केंद्र सरकार में शक्तियों का केंद्रीकरण होगा।
'राज्य में उपलब्ध IAS अधिकारियों के सीमित पूल पर हम निर्भर'
पत्र के मुताबिक, "मैं इस तथ्य को भी उजागर करना चाहूंगा कि कई राज्य सरकारों में विशिष्ट वरिष्ठता पर अधिकारियों की भी कमी है, मुख्य रूप से केंद्र सरकार की गलत कैडर प्रबंधन नीतियों के कारण ही ऐसा है। जबकि केंद्र राष्ट्रीय स्तर पर समूह-I अधिकारियों से कॉमन पूल का लाभ उठा रहा है। वहीं, राज्य सरकारें पूरी तरह से राज्य में उपलब्ध आईएएस अधिकारियों के सीमित पूल पर निर्भर हैं।"
'IAS अधिकारियों की सेवाओं की अधिक जरूरत राज्यों को'
स्टालिन ने लिखा कि राज्य स्तर पर केंद्र सरकार की योजनाओं सहित विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने में राज्य सरकारें सबसे आगे हैं। राज्यों को भी अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है जो राज्य में अन्य जगहों की तुलना में आईएएस अधिकारियों की सेवाओं की अधिक मांग करते हैं। स्टालिन ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकारों को अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के लिए मजबूर करने से अधिकारियों की कमी होगी, जिसके कारण विभिन्न राज्यों में 'शासन की कमी' बढ़ेगी और यह राज्यों के प्रशासनिक ढांचे का अपमान भी है।