हॉरर किलिंग: दलित की सरेआम हत्या के मामले में छह को सजा-ए-मौत
तिरुपुर की एक अदालत ने 22 वषीर्य एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर झूठी शान की खातिर हत्या के मामले में छह लोगों को मौत की सजा सुनाई है। उस व्यक्ति की पिछले साल मार्च में उदुमलपेट के निकट सरेआम हत्या की...
तिरुपुर की एक अदालत ने 22 वषीर्य एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर झूठी शान की खातिर हत्या के मामले में छह लोगों को मौत की सजा सुनाई है। उस व्यक्ति की पिछले साल मार्च में उदुमलपेट के निकट सरेआम हत्या की गई थी। जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई उनमें उस महिला का पिता भी शामिल है, जिससे दलित व्यक्ति ने उसके (लड़की के) परिवार की तरफ से विरोध के बावजूद शादी की थी।
तिरुपुर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अलामेलु नटराजन ने एक अन्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक अन्य को पांच साल की जेल की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने महिला की मां समेत तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। मुकदमे के दौरान अभियोजन ने दलील दी थी कि यह झूठी शान की खातिर हत्या का मामला था।
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इस घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश था क्योंकि एक वीडियो में तीन लोगों को बर्बर हमला करते दिखाया गया था। इन लोगों ने 13 मार्च 2016 को एक व्यस्त सड़क के निकट शंकर और उसकी पत्नी कौशल्या पर हमला किया। यह वीडियो टीवी चैनलों पर प्रसारित किया गया था। वीडियो में तीन लोग शंकर और उसकी पत्नी पर बार—बार प्रहार करते दिखाई पड़ रहे थे। वे लोग शंकर की नशंस हत्या करने के बाद दोपहिया वाहन पर सवार होकर भाग गए थे। वहीं, वहां खड़े लोग मूकदर्शक बनकर सबकुछ देखते रहे।
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विभिन्न राजनैतिक दलों ने इस हत्या की निंदा की थी। कौशल्या इस जानलेवा हमले में बच गई थी। उसने बाद में कहा था कि उसके पिता इस शादी के बिल्कुल खिलाफ थे और उन्होंने शंकर के खिलाफ कदम उठाने की धमकी दी थी।