VIDEO: तालिबान-अमेरिका के समझौते से भारत का सिरदर्द बढ़ गया? देखिए पूरी चर्चा
कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के बाद अमेरिका अब अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को धीरे-धीरे वापस बुला...
कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के बाद अमेरिका अब अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को धीरे-धीरे वापस बुला लेगा। इस समझौते के मुताबिक, अमेरिका और उसके सहयोगी 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे।
ऐसे में दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के बाद भारत में इसके पड़ने वाले असर को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर की जा रही है।
लाइव हिन्दुस्तान के साथ हुई चर्चा के दौरान विदेश मामलों के जानकार कमर आगा और पूर्व राजनयिक जी. पार्थसारथी ने हिस्सा लिया। कमर आगा ने कहा कि इस समझौते का निकट भविष्य में कोई बड़ा परिणाम निकलकर नहीं आएगा। वहीं, पार्थसारथी ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि जो तालिबान हैं वो पश्तून हैं, जिनकी आबादी करीब 41 फीसदी के करीब हैं। इन्हें हथियार और समर्थन पाकिस्तान और उससे पहले सीआईए से मिला। इनका आईएसआई से संबंध रहा है। उधर, हक्कानी नेटवर्क का अड्डा पूर्वी पाकिस्तानी प्रांत है।
पार्थसारथी ने कहा कि अमेरिकी चुनाव के बाद अगर ट्रंप रहते हैं तो उस समय उनके तेवर कुछ और होंगे। ऐसे में अफगानिस्तान के सभी के साथ संपर्क रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते में पाकिस्तान सरकार नहीं थी। देखिए यह पूरी चर्चा-