SC का आदेश: जाली जाति प्रमाणपत्र के आधार पर मिली नौकरी और दाखिले वैध नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि जाली प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण के तहत मिली सरकारी नौकरी या दाखिले को कानून की नजरों में वैध नहीं ठहराया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे़...
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि जाली प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण के तहत मिली सरकारी नौकरी या दाखिले को कानून की नजरों में वैध नहीं ठहराया जा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे़ एस़ खेहर और न्यायमूर्ति डी़ वाई़ चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस संदर्भ में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को सही नहीं ठहराया जिसने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय से नौकरी कर रहा है और बाद में उसका प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो, उसे सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सकती है।
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बंबई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवायी करते हुए हाईकोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कहा कि इस आदेश को पिछली तिथि से लागू नहीं किया जा सकता है, यह फैसला भविष्य में आने वाले मामलों में ही प्रभावी होगा।