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राज्यों को आरक्षण पर आदेश नहीं दे सकते हाई कोर्ट, क्यों SC ने अदालतों को याद दिलाई उनकी सीमा

उच्च न्यायालयों की ओर से राज्य सरकारों को आरक्षण को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। यह नीतिगत फैसले हैं, जो राज्य सरकार के ही दायरे में आते हैं और उनमें अदालतों को दखल नहीं देना चाहिए।...

राज्यों को आरक्षण पर आदेश नहीं दे सकते हाई कोर्ट, क्यों SC ने अदालतों को याद दिलाई उनकी सीमा
अब्राहम थॉमस, हिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीWed, 26 Jan 2022 06:25 AM

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उच्च न्यायालयों की ओर से राज्य सरकारों को आरक्षण को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। यह नीतिगत फैसले हैं, जो राज्य सरकार के ही दायरे में आते हैं और उनमें अदालतों को दखल नहीं देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आरक्षण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से अगस्त 2019 में दिए गए फैसले को भी खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि पंजाब सरकार को सरकारी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में 3 फीसदी सीटें खेल कोटे के तहत आरक्षित करनी चाहिए। 

राज्य सरकार ने खेल कोटे के तहत 1 फीसदी सीटें ही आरक्षित की थीं, लेकिन उच्च न्यायालय ने 2018 की खेल नीति का हवाला देते हुए फैसला सुनाया था। उसके इस फैसले को पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पंजाब सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्न ने कहा, 'उच्च न्यायालय की ओर से पंजाब सरकार को खेल कोटे के तहत 3 फीसदी आरक्षण का फैसला देना गलत है। इसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में इस फैसले को खारिज किया जा रहा है।'

अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के पास आर्टिकल 226 के तहत असामान्य संवैधानिक अधिकार होते हैं, उसके तहत ही यह फैसला उसने सुनाया है। लेकिन अदालत ने इसमें बड़ी गलती की है। उच्चतम न्यायालय की बेंच ने कहा, 'राज्य सरकार की ओर से पॉलिसी डिसिजन के तहत खेल से जुड़े लोगों को 1 फीसदी कोटा देने का फैसला लिया गया था। लेकिन कोटा कितने फीसदी होना चाहिए, यह आदेश देकर उच्च न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है।'

बता दें कि हाई कोर्ट ने 8 अगस्त, 2019 को पंजाब की खेल नीति का हवाला देते हुए स्पोर्ट्स पर्सन्स के लिए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 3 फीसदी आरक्षण का आदेश पंजाब सरकार को दिया था। इसी आदेश में उच्च न्यायालय ने आतंकवाद और सिख दंगों से प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए भी 1 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था का आदेश दिया था।

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