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गाड़ियों पर कौन लगाएगा रोक? दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सरकारों के रवैये पर SC के सख्त तेवर

दिल्ली एनसीआर में बीते कुछ दिनों में बढ़े वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से उठाए कदमों और सुझाए उपायों से सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताई है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने सख्त...

गाड़ियों पर कौन लगाएगा रोक? दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सरकारों के रवैये पर SC के सख्त तेवर
लाइव हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीWed, 17 Nov 2021 01:06 PM

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दिल्ली एनसीआर में बीते कुछ दिनों में बढ़े वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से उठाए कदमों और सुझाए उपायों से सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताई है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने सख्त तेवर दिखाते हुए केंद्र, दिल्ली, हरियाणा सरकारों से कहा कि आप सभी ने माना है कि प्रदूषण की मुख्य वजह वाहन हैं। लेकिन दिल्ली में बड़े पैमाने पर ईंधन की खपत करने वाले वाहन चल रहे हैं। आखिर इन पर रोक लगाने के लिए कौन कदम उठाएगा? कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली सरकार का कहना है कि वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और वर्क फ्रॉम होम लागू करने का कोई असर नहीं होगा, यदि पड़ोसी राज्यों में कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं। हमें उम्मीद है कि आयोग की ओर से इस बारे में कुछ कदम बताए जाएंगे।'

इस बीच मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कड़े कदमों को उठाने के लिए कोर्ट को 21 नवंबर तक रुकने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को लेकर हुई मीटिंग में मौसम वैज्ञानिक भी शामिल थे। उनका कहना है कि 21 नवंबर तक दिल्ली में तेज हवाएं चलने लगेंगी। ऐसे में क्या अदालत सख्त कदम उठाने के लिए 21 तारीख तक रुक सकती है। सरकारों के रवैये पर आपत्ति जताते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, 'कुछ जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए। हर चीज अदालतों के फैसलों से ही नहीं हो सकती है।' इसके साथ ही उन्होंने दिवाली के बाद भी 10 दिन तक दिल्ली में पटाखे फोड़े जाने की वजह पूछी। 

इस दौरान पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि उनका राज्य एनसीआर के दायरे में नहीं आता है, लेकिन इसके बाद भी पलूशन से निपटने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा पराली जलाए जाने को लेकर हरियाणा सरकार ने कहा कि इस पर रोक के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार के अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत से कहा, 'चीफ सेक्रेटरी और जिलाधिकारी हालात का जायजा ले रहे हैं। यह तय करने का प्रयास किया जा रहा है कि अगले दो सप्ताह तक कोई भी किसान राज्य में पराली न जलाए।'

केंद्र सरकार ने किया WFH के प्रस्ताव का विरोध

इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा कि वह कर्मचारियों से घर से काम करवाने यानी वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आज इस बारे में जानकारी दी है। केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि हाल के दिनों में कोरोना महामारी की वजह से सरकारी कामकाज बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को 'कारपूलिंग' जैसी सुविधाओं को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

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