अवमानना मामला: कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, 6 सप्ताह की मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा और हास्य कलाकार कुणाल कामरा के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट के कारण आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका पर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने...
सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा और हास्य कलाकार कुणाल कामरा के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट के कारण आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका पर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि तनेजा के खिलाफ कानून के छात्र आदित्य कश्यप की याचिका को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अपनी मंजूरी दी है।
अवमानना की कार्यवाही की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा और हास्य कलाकार कुणाल कामरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। शीर्ष अदालत का कहना है कि कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने की जरूरत नहीं है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने शीर्ष अदालत को बताया कि ट्वीट में मामले के गुण-दोष पर अंशमात्र भी चर्चा नहीं की गई बल्कि न्यायालय की कार्यवाही को सनसनीखेज बनाया गया। अधिवक्ता ने कहा कि हमारे पास अटॉर्नी जनरल की स्पष्ट राय है कि यहां अवमानना का मामला बनता है। उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल की राय है कि न्यायपालिका के प्रति लोगों के भरोसे को खत्म करने के मकसद से इस तरह के ट्वीट किए गए।
उधर एक अन्य मामले में पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता निशांत आर कटनेश्वर्कर ने दावा किया कि कुणाल कामरा ने न्यायपालिका के लिए अपमानजनक ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा,‘ये सभी ट्वीट अपमानजनक हैं और हमने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से सहमति मांगी थी।’ कटनेश्वर्कर ने अटॉर्नी जनरल के. वेणुगोपाल का पत्र अदालत में पढ़ा जिसमें कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने को लेकर सहमति दी गई है। इस पर पीठ ने वकील से कहा कि वह हास्य कलाकार के कथित अवमानना करने वाले ट्वीट यहां नहीं पढ़ें क्योंकि न्यायालय पहले ही वेणुगोपाल का पत्र देख चुका है।