Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court Hearing on Ayodhya Case LIVE UPDATES: sc to decide on appointing a mediator today

अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पर फैसला रखा सुरक्षित, CJI बोले- सभी पक्ष सुझाएं नाम

अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के भूमि विवाद को अपनी मध्यस्थता में आपसी बातचीत से हल करने की पहल पर विचार करने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट  ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता Wed, 6 March 2019 12:24 PM
share Share

अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के भूमि विवाद को अपनी मध्यस्थता में आपसी बातचीत से हल करने की पहल पर विचार करने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट  ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले पर कहा कि यह न केवल संपत्ति के बारे में, बल्कि भावना और विश्वास के बारे में भी है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले पर कहा कि पूर्व में हुई चीजों पर नियंत्रण नहीं है।

पढ़ें, Supreme Court Verdict On Ayodhya Case LIVE UPDATES:

- अयोध्या मामला: सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, मध्यस्थता के लिए सभी पक्ष सुझाएं नाम। हम जल्द सुनाना चाहते हैं फैसला।

-अयोध्या मामला में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पर फैसला सुरक्षित रखा

- जस्टिस चन्द्रचूड़ ने पूछा, मध्यस्थता के फैसले को कैसे लागू करेंगे, करोड़ों लोग हैं, क्या होगा

- अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, अतीत में जो हुआ उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, किसने आक्रमण किया, कौन राजा था, मंदिर या मस्जिद थी? हमें वर्तमान विवाद के बारे में पता है। हम केवल विवाद को सुलझाने के बारे में चिंतित हैं।

- जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, यह भावनाओं, धर्म और विश्वास के बारे में है। हम विवाद की गंभीरता के प्रति सचेत हैं।

- अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में हिंदू महासभा ने किया मध्यस्थता का विरोध

- सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले को मध्यस्थता में आपसी बातचीत से हल करने की पहल पर विचार करने को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है।

- हाईकोर्ट ने अयोध्या के विवादित परिसर के जमीन बंटवारे के बारे में पूर्व में जो फैसला दिया था, उसमें सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच ही जमीन का बंटवारा किया गया था, जिसे बाद में तीनों पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। विवाद में मुख्य मुस्लिम पक्षकार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड सहित सभी प्रमुख मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन, राजू राम चन्द्रन, शकील अहमद, दुष्यंत दबे आदि ने 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता में  आपसी बातचीत से विवाद को हल करने पर अपनी सहमति दे दी है। 

- इसी क्रम में विवाद से जुड़े प्रमुख हिन्दू पक्षकार निर्मोही अखाड़ा ने भी बातचीत से विवाद के हल के लिए सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को सुनवाई के दौरान ही सहमति दे दी थी। मगर एक अन्य प्रमुख हिन्दू पक्षकार रामलला विराजमान ने विवाद को बातचीत से हल करने की पहल पर सहमति नहीं दी है। चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान सुझाव दिया था कि यदि विवाद का सहमति के आधार पर समाधान खोजने की एक प्रतिशत भी संभावना हो तो संबंधित पक्षकारों को मध्यस्थता का रास्ता अपनाना चाहिए।

- एक अन्य हिन्दू पक्षकार हिन्दू महासभा आपसी बातचीत से विवाद के हल के लिए तैयार नहीं है। हिन्दू महासभा के वकील हरीशंकर जैन एडवोकेट ने 'हिन्दुस्तान' से कहा कि आपसी बातचीत से विवाद का हल करने का मतलब होगा अयोध्या के विवादित परिसर में मुसलमानों को जमीन का कुछ हिस्सा देने पर राजी होना। इसके लिए हिन्दू महासभा कतई तैयार नहीं है, हम इसका विरोध करेंगे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें