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प्रदूषण मामलों पर रोजान सुनवाई कर रहे हैं ताकि लोगों को साफ हवा मिले: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीषण वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों की सुनवाई नियमित आधार पर कर रहा है ताकि लोग विशेष तौर पर बच्चे स्वच्छ हवा में सांस...

प्रदूषण मामलों पर रोजान सुनवाई कर रहे हैं ताकि लोगों को साफ हवा मिले: सुप्रीम कोर्ट
एजेंसी,नई दिल्लीTue, 20 Aug 2019 07:44 AM
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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीषण वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों की सुनवाई नियमित आधार पर कर रहा है ताकि लोग विशेष तौर पर बच्चे स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। उच्चतम न्यायालय ने यह बात दिल्ली परिवहन विभाग को आड़े हाथ लेते हुए कही। डीटीसी ने एक हलफनामा दायर कर पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा उससे यह कहने पर आपत्ति जतायी कि वह प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान के लिए पांच मशीनें खरीदे।

विभाग ने अदालत से कहा कि वह उससे ''केवल एक या दो मशीनें खरीदने के लिए कहने के बारे में विचार करे। यह मशीन प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान के लिए रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे। न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने डीटीसी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता से कहा, ''क्या आप यह नहीं लगता कि लोगों और बच्चों को एक स्वच्छ माहौल में जीना चाहिए?

पीठ ने कहा, ''मात्र एक या दो (मशीनें) क्यों? पांच क्यों नहीं?" पीठ ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता लंबे समय के बाद अपने ''सर्वोत्तम" स्तर पर है। पीठ ने कहा, ''हम स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए मामले को नियमित आधार पर ले रहे हैं।" पीठ ने कहा, ''आपको ऐसी आपत्तियां दायर नहीं करनी चाहिए थी। आप वैध आपत्ति उठा सकते हैं।" शीर्ष अदालत की न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने भी परिवहन विभाग की ओर से दायर हलफनामे की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता इतने लंबे समय के बाद केवल अदालत द्वारा पारित आदेश के चलते अच्छी हुई है।

दिल्ली परिवहन विभाग ने अपने हलफनामे में इंटरनेशनल सेंटर फॉर आटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) द्वारा कराये गए अध्ययन में ''कुछ कमी की बात कही है। संस्था ने करीब 1.76 लाख वाहनों की जांच की और रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी को उपयोगी पाया। हलफनामे में कहा गया, ''जहां तक दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा पांच मशीनें खरीद को लेकर ईपीसीए के सुझाव का सवाल है यह निवेदन किया जाता है कि वर्तमान समय में यह अदालत डीटीसी द्वारा मात्र एक या दो मशीनें खरीदने पर विचार कर सकती हैं और इसे बाद में धीरे धीरे बढ़ाया जा सकता है।"

परिवहन विभाग ने कहा कि वह रिमोट सेंसिंग उपकरण की खरीद के संबंध में निविदा तभी जारी कर सकता है जब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय विनिर्देश या मानक तय करे और तदनुसार प्रमाणित मशीनें उपलब्ध हों। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में दायर एक अलग हलफनामे में कहा है कि देश की ''विविधता और व्यापकता को देखते हुए सड़क पर वाहनों के उत्सर्जन की निगरानी के लिए रिमोट सेंसिंग कार्यक्रम केवल सीमित क्षेत्रों में संभव है।" पीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो महीने बाद करना तय किया और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से कहा कि वह रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी पर एक स्थिति रिपोर्ट दायर करे।

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