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महाभियोग: कांग्रेस के सांसदों की अर्जी खारिज, उपराष्ट्रपति के फैसले को SC में दी थी चुनौती

देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नाटकीय ढंग से वापस ले ली। इसके बाद...

महाभियोग: कांग्रेस के सांसदों की अर्जी खारिज, उपराष्ट्रपति के फैसले को SC में दी थी चुनौती
नई दिल्ली, श्याम सुमन।Wed, 09 May 2018 01:14 AM
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देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नाटकीय ढंग से वापस ले ली। इसके बाद जस्टिस एके सीकरी, एनवी रमन्ना, एसए बोब्डे, अरुण मिश्रा और एके गोयल की संविधान पीठ ने याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया। 

संविधान पीठ को सौंपने पर सवाल उठाए : कपिल सिब्बल ने बहस के शुरू में ही इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने पर सवाल उठाए और संविधान पीठ बनाने के आदेश की प्रति मांगी। उन्होंने कहा कि यह मामला एक प्रशासनिक आदेश के जरिये पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुआ है जबकि यह आदेश न्यायिक होना चाहिए था। मुख्य न्यायाधीश इस मामले में ऐसा आदेश नहीं दे सकते। 

आदेश को चुनौती देेंगे: संविधान पीठ ने कहा, यह बहुत ही विचित्र और अप्रत्याशित स्थिति है जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश एक पक्षकार हैं और चार अन्य जज की भी कुछ भूमिका हो सकती है। हमें इस बारे में कुछ नहीं पता है। पीठ ने कहा कि यदि आपको पांच जज की पीठ गठित करने के आदेश की प्रति दे भी दी जाए तो उससे क्या होगा। सिब्बल ने कहा कि वह इसे चुनौती देंगे। 

अर्जी विचार योग्य नहीं: राज्यसभा सभापति वैंकेया नायडू की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें याचिका की विचारणीयता पर शक है। क्योंकि इसे सिर्फ कांग्रेस के दो सांसदों ने चुनौती दी है जबकि महाभियोग प्रस्ताव सात दलों के 64 सांसदों ने दिया था। इसका मतलब यह है कि छह दल के 62 सांसदों ने राज्यसभा सभापति का फैसला स्वीकार कर लिया है। ऐसे में सिर्फ दो सांसदों की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। याचिका कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा और अमी हर्षाद्रय यागनिक ने दायर की थी। 

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